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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 'राम मय' हुए देशवासी, जमीन से धरती तक 'राम नाम की गूंज'

नई दिल्‍ली :

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishta) 22 जनवरी को होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi)  और अन्य गणमान्य लोग शामिल होंगे. राम मंदिर में होने वाले इस कार्यक्रम का लोग बेसब्री से इंतजार का रहे हैं. प्राण प्रतिष्‍ठा से पहले ही पूरे देश का माहौल ‘राम मय’ हो गया है. धरती से आसमान तक सिर्फ ‘राम नाम की गूंज’ सुनाई देर ही है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है. ये वीडियो एक फ्लाइट का है, जिसमें लोग ‘राम भजन’ गा रहे हैं.    

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किरेन रिजिजू ने एक्‍स पर पोस्‍ट किया, “राम आयेंगे की गूंज हवा में गूंज उठी! जैसे-जैसे प्राण प्रतिष्ठा दिवस नजदीक आ रहा है… और जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अयोध्या में राममंदिर खुलने से पहले 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान शुरू कर दिया है… हर कोई राम-मय हो गया है.”

7,000 से अधिक अतिथियों को निमंत्रण

प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम के लिए राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा 7,000 से अधिक अतिथियों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियां और देश भर से बड़ी संख्या में साधु-संत शामिल हैं. भव्य समारोह से पहले, उत्तर प्रदेश सरकार और अयोध्या प्रशासन ने सभी तैयारियां कर ली हैं और पवित्र नगरी को इस बड़े दिन के लिए सजाया जा रहा है. 

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अयोध्या शहर में कड़ी सुरक्षा रहेगी…

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट समारोह के लिए तैयारी कर रहा है और कार्यकर्ता मंदिर परिसर में समारोह संबंधी कार्यों को पूरा करने के लिए दिन-रात लगे हैं. समारोह के दिन अयोध्या शहर में कड़ी सुरक्षा रहेगी. मंदिर परिसर 23 जनवरी से लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पूर्व में कहा था कि मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे होगी.

नेपाल के जनकपुर में भी उत्‍सव

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में नेपाल के जनकपुर में भी कई आयोजन होंगे. अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले नेपाल के जनकपुर में कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के साथ उत्सव मनाया जाएगा. जनकपुर को भगवान राम की पत्नी सीता का जन्मस्थान माना जाता है.  सीता का दूसरा नाम जानकी है, जो जनकपुर के राजा जनक की पुत्री थीं. जनकपुर काठमांडू से 220 किलोमीटर दक्षिणपूर्व और अयोध्या से लगभग 500 किलोमीटर पूर्व में स्थित है.

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