Bihar Politics crisis: बिहार के CM नीतीश कुमार आज फिर बदलेंगे 'पाला'?, स्क्रिप्ट तैयार… एक्शन का इंतजार
नई दिल्ली:
Bihar Politics crisis: बिहार में जारी राजनीतिक अनिश्नितता के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन से नाता तोड़कर रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की संभावना है. कुमार के करीबी एक उच्च पदस्थ सूत्र ने यह जानकारी दी.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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नीतीश कुमार के इस्तीफे की खबरों के बीच पटना में बैठकों का दौर भी जारी है. कल राबड़ी आवास पर आरजेडी की बैठक हुई, जिसके बाद तेजस्वी यादव ने बड़ा दावा किया है.
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सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने बैठक में मौजूद पार्टी के नेताओं से कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘सम्माननीय’ हैं. लेकिन कई चीजें हैं जो उनके ‘नियंत्रण’ में नहीं हैं. साथ ही उन्होंने कथित तौर पर कहा, ‘बिहार में अभी खेल होना बाकी है.’
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राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार के पिछले 17 महीनों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए आज अखबार के एक पूरे पेज पर विज्ञापन भी दिया है. जिसमें तेजस्वी यादव को विभिन्न उपलब्धियों के लिये धन्यवाद दिया गया हैं.
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दूसरी और कुमार ने राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल पर चुप्पी साध रखी है. कुमार ने शनिवार की सुबह पटना के पशु चिकित्सा कॉलेज मैदान में नए फायर ब्रिगेड इंजन को हरी झंडी दिखाने के अलावा बक्सर जिला में एक प्रसिद्ध मंदिर के सौंदर्यीकरण परियोजना के उद्घाटन किया.
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कुमार करीब दो साल पहले भाजपा से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए थे और उसके बाद उन्होंने अगले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को हराने का संकल्प लिया था. लेकिन अब उनके NDA में फिर शामिल होने की खबरें सामने आ रही हैं.
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NDA में लौटने को लेकर नीतीश कुमार गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सीधी बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि उन्हें यह तय करने का पूरा मौका दिया गया है कि उनका नया डिप्टी कौन होगा और उन्होंने सुशील मोदी को चुना है.
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भाजपा और नीतीश कुमार की जेडीयू ने तीन महीने में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे समझौते को भी अंतिम रूप दे दिया है. सूत्रों ने बताया कि बिहार में सभी बीजेपी विधायक पहले ही नीतीश कुमार को समर्थन पत्र दे चुके हैं.
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सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री आज अपने घर पर जेडीयू और बीजेपी विधायकों के लिए दोपहर के भोजन का आयोजन करेंगे, जिसके बाद दोनों दलों के विधायक अपना समर्थन पत्र देने के लिए राज्यपाल के पास जाएंगे. सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार राजद से बर्खास्त मंत्रियों की जगह भाजपा के चेहरों को शामिल कर सकते हैं.
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अगर नीतीश बीजेपी के साथ जाते हैं तो एनडीए के पक्ष में 127 विधायकों का समर्थन है. वहीं एआईएमआईएम के बचे हुए एक विधायक को अगर जोड़ दें तो राजद गठबंधन के पास 115 विधायकों का समर्थन हासिल है. बिहार विधानसभा में जादुई आंकड़ा 122 है.
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नीतीश कुमार के RJD से नाता तोड़ने की अटकलों के बीच राजद ने 122 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए 8 और विधायकों को साधने की कवायद शुरू कर दी है. राजद+कांग्रेस+लेफ्ट की सीटों को मिला लिया जाए तो 79+19+16 यानी 114 का नंबर बनता है. मतलब साफ है बहुमत के लिए 8 विधायकों की कमी है. लालू खेमा इन्हीं 8 विधायकों को साधने में जुट गया है. वहीं, नीतीश कुमार जेडीयू के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.