बिहार में जातिगत सर्वे के बाद 'एक्शन मोड' में BJP, विपक्ष पर हुई हमलावर
नई दिल्ली:
जातिगत गणना के मुद्दे पर विपक्षी दलों के हमलों का सामना कर रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) कुछ ही माह बाद होने जा रहे आम चुनाव 2024 से पहले अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) तक पहुंच बनाने का अभियान चलाने की तैयारी कर रही है. यह जानकारी सूत्रों ने गुरुवार को The Hindkeshariको दी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा तथा राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष और केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह तथा नितिन गडकरी सहित शीर्ष नेताओं ने अभियान की विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के लिए पिछले हफ़्ते दिल्ली में बैठक की थी, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 10 राज्यों से आए 40 नेता भी मौजूद थे.
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विपक्ष की तरफ़ से जातिगत गणना करवाने के लिए किया जा रहा आह्वान इस बार चुनाव के सबसे अहम मुद्दों में से एक है, और अतीत में किसी भी पक्ष के लिए प्रतिबद्धता दर्शाने से कतराती रही BJP पर अब जवाब देने के लिए दबाव पड़ रहा है.
यह दबाव इस बात से ज़्यादा बढ़ गया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में BJP के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP), निषाद पार्टी और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर आदि दलों ने इस मुद्दे का समर्थन किया है.
केंद्र में सत्तासीन BJP पर इस मांग को माने जाने के लिए दबाव ज़्यादा बढ़ गया था, जब अगस्त में बिहार ने खुद का सर्वेक्षण (ऐसी प्रक्रिया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रोकने से इंकार कर दिया था) कर लिया, और कहा कि राज्य की आबादी में OBC की हिस्सेदारी 27 फ़ीसदी से ज़्यादा है और सूबे की 33 फ़ीसदी से ज़्यादा आबादी अत्यंत गरीबी की अवस्था में ज़िन्दगी बिता रहे हैं.
बिहार की आबादी में OBC तथा अत्यंत पिछड़े वर्ग की हिस्सेदारी 60 फ़ीसदी से ज़्यादा है. बिहार की इस रिपोर्ट ने न केवल भारत की आबादी में कम से कम 40 फ़ीसदी (NSSO के वर्ष 2007 के सर्वेक्षण के अनुसार) हिस्सेदारी रखने वाले समूहों की दयनीय हालत को उजागर किया, बल्कि उनकी चुनावी महत्ता पर भी ज़ोर दिया.
इस महीने पांच राज्यों – मध्य प्रदेश (जहां BJP सत्ता में है), छत्तीसगढ़ और राजस्थान (कांग्रेस-शासित), तेलंगाना (भारत राष्ट्र समिति, यानी BRS का गढ़) और मिज़ोरम – में विधानसभा चुनाव हो रहा है. तेलंगाना में OBC (ग्रामीण इलाकों में परिवारों के प्रतिशत के रूप में) 57 प्रतिशत से अधिक हैं. छत्तीसगढ़ में यह 51.4 फ़ीसदी है, राजस्थान में 46.8 फ़ीसदी तथा मध्य प्रदेश में 42.4 फ़ीसदी है.
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में हुई बैठक (और बिहार की रिपोर्ट) ने जातिगत गणना के मुद्दे को लेकर BJP को ‘एक्शन मोड’ में ला दिया है. बैठक से अगले ही दिन अमित शाह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर रवाना हो गए थे, जहां उन्होंने कहा कि BJP ने कभी भी जातिगत गणना का विरोध नहीं किया, लेकिन चाहती है कि इससे पहले उचित तरीके से उचित दिशा में मेहनत की जाए.
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, “हम राष्ट्रीय पार्टी हैं और वोट-बैंक की राजनीति नहीं करते… हम व्यापक चर्चा के बाद फ़ैसला लेंगे… लेकिन चुनाव जीतने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल करना सही नहीं… BJP ने कभी इसका विरोध नहीं किया…”