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शेयर बाजार की तरह जल्द होगा कार्बन बाजार : The Hindkeshariवर्ल्ड समिट में इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स


नई दिल्ली:

The Hindkeshariवर्ल्ड समिट 2024 ‘द इंडिया सेंचुरी’ ( The HindkeshariWorld Summit 2024 ‘The India Century’) के दूसरे दिन चर्चा में पहुंचे बिलियन-ई के सह-संस्थापक मुस्तफा वाजिद ने  भारत की कार्बन ट्रेडिंग योजना की जमकर सराहना की. इसके 2026 तक प्रभावी होने की उम्मीद है.

इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा कि उद्यम पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) ढांचे को अपने मुख्य व्यवसाय मॉडल में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं. वे पेट्रोलियम और डीजल की खपत को कम कर भारत में परिवहन को अधिक टिकाऊ बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

मुस्तफा वाजिद ने कहा, “बिजली उत्पादन और परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले जीवाश्म ईंधन दो सबसे बड़ी समस्याएं हैं. भारत परिवहन के लिए लगभग 150 मिलियन मीट्रिक टन पेट्रोल और डीजल की खपत करता है.” उन्होंने कहा कि समूह इस समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहा है और उसने ‘इलेक्ट्रिक ट्रक’ तैनात किए हैं.

उन्होंने कहा, “सरकार का लक्ष्य शेयर बाजार की तरह कार्बन बाजार बनाना है. शेयर बाजार के निर्माण में काफी समय लगा और डिजिटलीकरण हाल ही में हुआ है. प्रक्रिया जारी है और नीतियां तैयार की जा रही हैं. हम आशावादी हैं, हम इसे 2026 में शुरू होते देखेंगे.”

इसके अलावा, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने ईएसजी का पालन करने में कंपनियों के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर भी जानकारी दी.

सस्टेनेबिलिटी और क्लाइमेट चेंज पार्टनर अजय पिल्लई के अनुसार, डेलॉइट के डेटा की गुणवत्ता और रिपोर्ट करने के लिए विश्वसनीय डेटा की उपलब्धता, सिस्टम के भीतर जागरूकता का स्तर और विशेषज्ञता, और शीर्ष प्रबंधन से अपेक्षित इरादा ईएसजी प्रैक्टिस को अपनाने में प्रमुख समस्याएं हैं.

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पेरनोड रिकार्ड इंडिया के एकीकृत परिचालन और स्थायित्व एवं उत्तरदायित्व के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गगनदीप सेठी ने कहा कि कंपनी के पास अच्छी जगह से अच्छा समय के नाम से एक बहुत व्यापक ईएसजी कार्यक्रम है.

गगनदीप सेठी ने कहा, “ये ईएसजी सिद्धांतों और संयुक्त राष्ट्र एसडीजी के साथ पूरी तरह से जुड़ा है, जिसमें भूभाग, भूमि का पोषण करने के मूल तत्व शामिल हैं, जहां से हम अपने सभी संसाधन हासिल करते हैं. हम जो कुछ भी करते हैं, हमें ये सुनिश्चित करना होता है कि हम पृथ्वी के उस संतुलन को बहाल करें.”

सेठी ने आगे कहा, “हम ग्राहकों को प्रसन्न करने के लिए उत्पाद बनाते हैं, लेकिन हम इसे टिकाऊ तरीके से करते हैं. इसी के साथ लोगों को महत्व देना भी एक आवश्यक तत्व है.”

भारत में वाहनों की बिक्री के साथ ही पेट्रोल और डीजल की खपत रिकॉर्ड स्तर पर है. जबकि, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री भी हो रही है. पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी आ रही है, लेकिन ये अभी भी रजिस्टर्ड कुल वाहनों का केवल 6.85 प्रतिशत है.



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