जनसंपर्क छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2025 पारित: 5 डिसमिल से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री पर लगा रोक, राजस्व मंत्री बोले- नियम शहरों में नहीं होगा लागू….

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2025 पारित हो गया है. राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधेयक पेश किया, जिसे चर्चा के बाद पारित किया गया. इस विधेयक में वर्तमान भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें 5 डिसमिस से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री की अनुमति थी.

विधानसभा में राजस्व मंत्री वर्मा ने विधेयक पर अपनी बात रखते हुए कहा कि “धारा 70 में पूर्व में भाजपा सरकार में 5 डिसमिल के नीचे की जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती थी, लेकिन सरकार बदलने के बाद धड़ल्ले से 5 डिसमिल से नीचे की जमीन की रजिस्ट्री करवायी गई, जिसके कारण पूरे प्रदेश में अवैध प्लॉटिंग शुरू हो गई. उन्होंने कहा कि इससे जगह-जगह समस्याएं उत्पन्न हो गई.” अभी धारा में जो संशोधन किया जा रहा है, उसके अनुसार 5 डिसमिल से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं होगी.

शहरों में नहीं होगा लागू

मंत्री वर्मा ने स्पष्ट किया कि यह शहरों में लागू नहीं होगा, क्योंकि शहर वैसे भी कृषि भूमि से बाहर हैं. शहर में डायवर्टेड भूमि जो व्यवसायिक एवं आवासीय होता है, उसकी रजिस्ट्री हो जाती है. धारा 107 में जो संशोधन है, वह जियो रिफरेन्सिंग बेस्ड नक्शे तैयार किए जा रहे हैं. इसके आने से सीमांकन व बटांकन के सारे विवाद समाप्त हो जाएंगे.

जियो रिफेरेन्सिंग से बने डिजिटल मैप को मिली कानूनी मान्यता

उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में जियो रिफरेन्सिंग का काम चल रहा है, लेकिन विधिक मान्यता नहीं थी. इसलिए विधेयक लाया गया है, इस विधेयक के माध्यम से जियो रिफेरेन्सिंग का डिजिटल मैप को मान्यता मिलेगी, उसके हिसाब से काम होगा, भविष्य में नक्शा बंटाकन में कोई गड़बड़ी नहीं होगी. राजस्व मंत्री वर्मा ने विधेयक के धारा 110 की उपधारा 7 में रजिस्ट्री के साथ स्वतः नामांतरण की प्रक्रिया की जानकारी दी और साथ ही साथ ही दान की भूमि का नए प्रावधान बताए.

यह भी पढ़ें :-  CG NEWS: युक्तियुक्तकरण से बदली तरौद की तस्वीर: अब चार शिक्षक, नई उम्मीदों के साथ चमक रहा स्कूल, बच्चों के चेहरों पर लौटी पढ़ाई की रौनक…

अब रोड, गार्डन, मंदिर के लिए छोड़ी जमीन नहीं बेच पाएंगे बिल्डर

इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि जो कॉलोनी डेवलपर बहुमंजिला भवन बनाते हैं और फ्लैट्स बेचते हैं. फ्लैट तो क्रेता के नाम पर होता है, लेकिन जमीन बिल्डर के नाम पर होती है. इसमें भी संशोधन किया गया है. अब फ्लैट मालिकों के साथ 10 हजार वर्गफुट जमीन भी सामानुपातिक रूप से उन क्रेताओं के नाम पर रहेगी. चाहे वह गार्डन हो, मनोरंजन का स्थान हो, भवन हो, उस एरिया में जितनी जमीन रहेगी, वह सभी समानुपातिक रूप से वहां पर बसने वाले क्रेताओं के नाम पर दर्ज होगी. अब तक रोड, गार्डन के लिए छोड़ी हुई जगह पर कॉम्पलेक्स बना देते थे और रोड को बेच देते थे, यह सभी समस्याएं संशोधन में ठीक हो जाएंगी.

पट्टा अधिकार को लेकर हितग्राही की वार्षिक आय में वृद्धि :

राजस्व मंत्री वर्मा ने भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2025 के अलावा एक और विधेयक छत्तीसगढ़ नगरीय क्षेत्रों के आवासहीन व्यक्ति को पट्टाधृति अधिकार (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया, जिसे चर्चा के बाद पारित कर दिया गया. इस विधेयक के तहत बीएलसी के अंतर्गत नगरीय निकाय क्षेत्र में निवासरत पात्र हितग्राही ईडब्ल्यूएस श्रेणी की वार्षिक अधिकतम आय 3 लाख रुपए निर्धारित की गई है, जबकि छत्तीसगढ़ नगरीय क्षेत्रों के आवास व्यक्ति को पट्टाधृति अधिकार अधिनियम 2023 की कंडिका 2(ख) पात्र व्यक्ति की वार्षिक आय ढाई लाख रूपए से अधिक न हो, का प्रावधान है, इसलिए राज्य सरकार द्वारा विहित किया जाए का संशोधन कर रही है.

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button