बंगाल को आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह बताने वाले बयान पर बीजेपी-टीएमसी में टकराव

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने बंगाल के कूचबिहार के दिनहाटा में एक चुनावी रैली में उन आरोपों पर पलटवार किया कि जिनमें उनके शासन में राज्य को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बताया गया. ममता बनर्जी ने कहा, “वे लोग (जिन्हें गिरफ्तार किया गया) बंगाल के निवासी नहीं हैं… वे यहां छिपे हुए थे, उन्हें दो घंटे में गिरफ्तार कर लिया गया.” तृणमूल प्रमुख ने गुस्से में कहा, “अगर बंगाल में शांति है तो भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती.”
इसी के साथ उन्होंने भीड़ से पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश सुरक्षित हैं? क्या राजस्थान सुरक्षित हैं? क्या बिहार सुरक्षित हैं?” वहीं वरिष्ठ तृणमूल नेता कुणाल घोष ने भी भाजपा के हमलों पर पलटवार करते हुए कहा कि गिरफ्तार करने वाली एजेंसी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी या एनआईए को “राज्य पुलिस का सक्रिय सहयोग स्वीकार करना होगा.” उन्होंने जोर देकर कहा, “उनकी प्रेस विज्ञप्ति में गिरफ्तारियों में राज्य पुलिस के सहयोग का साफ जिक्र है.”
The proactive role of WBP in the matter has been officially acknowledged by the Central Agencies.
West Bengal has NEVER been a safe haven for terrorists and the state police will continue to remain ever-vigilant in keeping its people safe from nefarious activities. (2/2)
— West Bengal Police (@WBPolice) April 12, 2024
मुसाविर हुसैन शाज़ेब और अब्दुल मथीन ताहा को कैफे ब्लास्ट का प्रमुख साजिशकर्ता माना जा रहा है. ताहा ने कथित तौर पर लॉजिस्टिक का काम देखा जबकि शाज़ेब ने बम लगाया. उनका पता कोलकाता से 180 किलोमीटर दूर पूर्व मेदिनीपुर जिले के एक छोटे से शहर कांथी या कोंताई में लगाया गया था. कांथी भाजपा के शुभेंदु अधिकारी का गढ़ है, जो 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी थे. अधिकारी ने नंदीग्राम सीट से एक हाई-प्रोफाइल मुकाबले में ममता बनर्जी को हरा दिया था.
घोष ने राज्य अधिकारियों से अधिकारी के परिवार और रामेश्वरम कैफे हमलावरों के बीच संबंधों की जांच करने का भी आह्वान किया. उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल पुलिस “राष्ट्र-विरोधी ताकतों को दबाने में दृढ़” है और अन्य एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार है. घोष ने उन रिपोर्टों का भी हवाला दिया, जिनमें एनआईए ने बेंगलुरु के लोकप्रिय रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को हुए विस्फोट के सिलसिले में एक भाजपा कार्यकर्ता को हिरासत में लिया था और पूछताछ की थी, जिसमें 10 लोग घायल हो गए थे.
ममता बनर्जी और घोष का गुस्सा भरा जवाब तब आया जब भाजपा के अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शाजेब और ताहा की गिरफ्तारी के बारे में पोस्ट किया और कहा कि “दोनों संभवतः कर्नाटक में आईएसआईएस सेल से संबंधित हैं.” मालवीय की पोस्ट की बंगाल पुलिस द्वारा तेजी से तथ्य-जांच की गई. पुलिस ने कहा कि “अमित मालवीय के दावों के विपरीत” दोनों आरोपियों को उनके और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान के बाद गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस ने कहा, “पश्चिम बंगाल पुलिस की सक्रिय भूमिका को केंद्रीय एजेंसियों ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है, पश्चिम बंगाल कभी भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रहा है और राज्य पुलिस हमेशा सतर्क रहेगी.” रामेश्वरम कैफे, जिममें ब्लास्ट के बाद बड़ा नुकसान हुआ. वो आठ दिन बाद सुरक्षा उपायों के साथ एक बार फिर से खुल गया.
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