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बिजली के बढ़े बिलों को लेकर दिल्‍ली की सियासत में 'करंट', BJP प्रदेश अध्‍यक्ष बोले- ये जनता की जेब पर डाका


नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली (Delhi) में बिजली के बिलों (Electricity Bills) को लेकर भाजपा ने आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा है. दिल्‍ली के बीजेपी अध्‍यक्ष वीरेंद्र सचदेवा () ने कहा है कि दिल्‍ली में बिजली के बिलों में लगातार वृद्धि हो रही है. उन्‍होंने PPAC यानी (Power Purchase Adjustment Cost) नाम से चार्ज लगाया जा रहा है. उन्‍होंने आरोप लगाया कि दिल्‍ली सरकार और बिजली कंपनी मिलकर अवैध कमाई कर रहे हैं और दिल्‍ली की जनता की जेब पर डाका डाल रहे हैं. 

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पीपीएसी का प्रावधान 1.5 प्रतिशत से शुरू हुआ था और 2015 से लगातार उसे बढ़ाया जा रहा है. अब बिजली के बिलों में 37.75 फीसदी पीपीएसी लग रहा है और इसे 8.75 फीसदी बढ़ाने की अनुमति भी दे दी गई है. 

सचदेवा ने कहा कि शुरुआत में लगता था कि गर्मी है और लोग ऐसी का ज्‍यादा इस्‍तेमाल कर रहे हैं. इसलिए ऐसा हो रहा है. हालांकि जब ध्यान से देखा तो बिजली के बिलों में पीपीएसी नाम से चार्ज लगाया जा रहा है. 

12 महीने से बिजली के बिलों में लग रहा पीपीएसी : सचदेवा 

उन्‍होंने कहा कि पीपीएसी उस समय लगाया जाता है, जब आपको बिजली महंगी लेनी पड़ती है. उसके बाद इसे लगाने की जरूरत नहीं होती है. हालांकि यह पिछले 12 महीने से बिजली के बिल में लग रहा है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि जो पेंशन चार्ज 1 फीसदी होता था, उसे 7 फीसदी कर दिया गया है. 

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साथ ही उन्‍होंने कहा कि बिजली कंपनी में जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनकी तनख्वाह बिजली कंपनी देगी, दिल्ली की जनता आखिर क्यों उनको तनख्वाह दे रही है? 

सचदेवा ने की न्‍यायिक जांच की मांग 

उन्‍होंने कहा कि हमने दिल्‍ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशनडी के चेयरमैन को पत्र लिखा है और इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करने की मांग की है. इसे लेकर सोमवार को बिजली कंपनियों के कार्यालयों पर हम प्रदर्शन करेंगे. 

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