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संपूर्णता अभियान, रक्त परीक्षण और पर्यटन विकास में उत्कृष्ट कार्य के लिए जीपीएम जिले का बढ़ा मान….

रायुपर: छत्तीसगढ़ के कुल 33 जिलों में जीपीएम 28 वें नंबर का नया जिला है। इसकी स्थापना 10 फरवरी 2020 को किया गया। इसके बाद 5 और नए जिलों मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और शक्ति जिले की स्थापना सितम्बर 2022 में किया गया है। आगामी 10 फरवरी 2026 को जीपीएम जिला गठन का 6 वीं वर्षगांठ मनाया जाना है। इस लिहाज से जीपीएम जिला अभी 6 साल का नन्हा बच्चा ही है।

इस अवधि में जिले में अमुमन सभी क्षेत्रों-शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सामाजिक एवं अधोसंरचना में बेहतर कार्य हुए हैं। जिला प्रशासन की विशेष पहल पर पिछले लगभग एक वर्ष में आकांक्षी ब्लॉक गौरेला में संपूर्णता अभियान, समूचे जिले में एक ही दिन में एचबी रक्त परीक्षण और पर्यटन क्षेत्रों के संरक्षण एवं विकास के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए जीपीएम जिले की खास पहचान बनी है और सम्मान मिला है।

जिले को 6 इंडिकेटर में राज्य स्तर पर सिल्वर मैडल

नीति आयोग भारत सरकार द्वारा चयनित आकांक्षी ब्लॉक गौरेला में संपूर्णता अभियान के अंतर्गत 6 इंडिकेटर-पंजीकृत गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व देखभाल, ब्लॉक में लक्षित आबादी के मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप की जांच, आईसीडीएस कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से पूरक पोषण, मृदा परीक्षण, स्वास्थ्य कार्ड और स्व सहायता समूहों को रिवाल्विंग फंड उपलब्ध कराने के साथ ही सभी 40 इंडिकेटरों को संतृप्त करने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है।

6 इंडिकेटर में शत प्रतिशत उपलब्धि पर जिले को राज्य स्तर पर सिल्वर मैडल प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि में जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग रहा है। 34 इंडिकेटर की उपलब्धि के लिए सभी विभागों की योजनाओं से हितग्राहियों को संतृप्त किया जा रहा है। इस अभियान में सराहनीय सेवाओं के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पंचायत और महिला एवं बाल विकास विभाग के 98 अधिकारी-कर्मचारी को प्रशस्ति पत्र एवं मैडल से सम्मानित किया गया है।

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एक ही दिन में 51727 महिलाओं के द्वारा रक्त परीक्षण पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड’

एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को शामिल करते हुए जिला प्रशासन द्वारा 26 जून को जिले में चलाए गए रक्त शक्ति महा अभियान में एक ही दिन में जिले की 13 से 45 वर्ष आयु वर्ग की 51 हजार 727 महिलाओं का हीमोग्लोबीन (एचबी) जांच कराने पर जीपीएम जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है।

एनीमिया प्रभावित महिलाओं के लिए कार्ययोजना बनाकर लागू किया जाएगा

आदिवासी बहुल जीपीएम जिले में महिलाओं में एनीमिया का प्रभाव रहा है। शरीर में रक्त की कमी होने से बहुत सारी समस्याएं होती है, महिलाओं में एचबी की वास्तविक जानकारी प्राप्त करने के लिए रक्त शक्ति महाअभियान को मूर्त रूप दिया गया। रक्त शक्ति महाभियान का उद्देश्य एनीमिया प्रभावित महिलाओं की वास्तविक जानकारी प्राप्त करना था, ताकि जिन महिलाओं में एचबी स्तर 7 ग्राम से कम है, उनके लिए पृथक से कार्य योजना बनाकर उन्हें लाभान्वित किया जा सके। इस अभियान में स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही जिला स्तर से लेकर मैदानी स्तर के सभी विभागों के अमले की सेवाएं ली गई।

राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ पुरास्कर प्राप्त

नवगठित जीपीएम जिला घने वनों, नदियों, झरनों, धार्मिक एवं ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों से शुमार है। इस जिले को पर्यटन जिला के रूप में पहचान दिलाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय पर्यटन समितियों के माध्यम से निरंतर कार्य किया जा रहा है। पर्यटन क्षेत्रों के विकास और पर्यटकों की मूलभूत सुविधाओं के लिए पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए अनेक कार्य किए गए हैं, फलस्वरूप विश्व पर्यटन दिवस पर 27 सितम्बर को जीपीएम जिले को इको टूरिज्म साइट 2025 के  लिए राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ पुरास्कर से सम्मानित किया गया है।

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सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध

यह पुरस्कार खासकर जिले के सबसे ऊंची पर्वत चोटी राजमेरगढ़ में पर्वतीय पर्यटन विकास के उत्कृष्ट प्रयासों के लिए प्रदान किया गया है। राजमेरगढ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, जो प्रदेश के ईको-टूरिज्म मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुका है। जिला प्रशासन, समुदाय और पर्यावरणविदों के समन्वित प्रयासों से इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाया गया है।

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