"परिस्थितियों के कारण लिया गया फैसला…": BJP के साथ गठबंधन की चर्चा पर RLD नेता जयंत चौधरी
रालोद प्रमुख ने सोमवार को कहा कि उनके दादा चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा के बाद उनकी पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद एनडीए के साथ जाने का फैसला किया गया.
जयंत चौधरी ने कहा कि पहले से कोई योजना नहीं थी और परिस्थितियों के कारण कम समय में निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.
हालांकि, रालोद और भाजपा ने कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों पक्षों ने 9 फरवरी से रालोद के ‘इंडिया’ गठबंधन से राजग में जाने के बारे में पर्याप्त संकेत दिए थे. इसे उस वक्त बहुत बल मिला, जब पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की.
#WATCH |Delhi: On joining NDA, RLD chief Jayant Chaudhary says, “…I took this decision after speaking to all the MLAs and workers of my party. There was no big planning behind this decision, we had to take this decision within a short time because of the situation. We want to… pic.twitter.com/oCokYUX8gA
— ANI (@ANI) February 12, 2024
जयंत चौधरी ने अपने पिता दिवंगत अजित सिंह की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘अपने लोगों और देश के लिए हमारे अच्छे इरादे हैं. जब ‘भारत रत्न’ दिया गया है तो हम बहुत खुश हैं. यह हमारे परिवार या पार्टी तक सीमित नहीं है. ये हर किसान, युवा, गरीब का सम्मान है.”
ये पूछे जाने पर कि वो भाजपा के साथ अपने गठबंधन की घोषणा कब करेंगे, उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया. चौधरी ने सिर्फ ये कहा, ‘‘आज एक महत्वपूर्ण अवसर है, हम जश्न मना रहे हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा के बाद जयंत चौधरी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, ‘‘दिल जीत लिया.”
पिछले हफ्ते सूत्रों ने The Hindkeshariको बताया था कि आरएलडी-बीजेपी के बीच डील लगभग हो चुकी है.
आरएलडी को दो लोकसभा सीट और एक राज्यसभा सीट देने पर चर्चा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी की जाटों और किसानों के बीच अच्छी पैठ है. चर्चा है कि बीजेपी के साथ गठबंधन में उसे बागपत और बिजनौर दो लोकसभा सीट और एक राज्यसभा सीट दी जाएगी. साथ ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल और केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सीटों की भी चर्चा हुई, लेकिन इन मांगों की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है.
खबर आयी थी कि यूपी के पश्चिमी क्षेत्र में राज्य की 80 सीटों में से 29 सीटें हैं, जिनमें से पिछले महीने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ आरएलडी का सात सीटों पर समझौता हुआ था.