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दिल्‍ली वक्‍फ बोर्ड केस :5 घंटे से अमानतुल्लाह के घर पर ED की टीम, पहले 2 घंटे तक होती रही बहस, जानिए क्या है पूरा मामला


नई दिल्‍ली:

ED Raid on Amanatullah Khan House आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान के घर पर ईडी ने छापा मारा है. ईडी की टीम लगभग 5 घंटे से आप विधायक के घर पर मौजूद है. बताया जा रहा है कि अमानतुल्लाह खान 2 घंटे तक घर का दरवाजा नहीं खोला और ईडी की बाहर ही खड़ी रही. अमानतुल्लाह ने जब दरवाजा खोला, तो उनकी ईडी की टीम से उनकी नोकझोंक भी हुई. अमानतुल्लाह खान ने ईडी की छापेमारी के बारे में जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से खुद दी. दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए अमानतुल्लाह पर सरकारी गाइडलाइन्‍स को ताक पर रखकर नौकरियां देने का आरोप है. हालांकि, अमानतुल्लाह इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हैं. अमानतुल्लाह ने एक्स पर एक वीडियो शेयर कर बताया कि मुझे और आप नेताओं को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. क्‍या ईमानदारी से अवाम की खिदमत करना गुनाह है?

अमानतुल्लाह ने कहा आरोप राजनीति से प्रेरित

आप विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘इनका मकसद हमारे कामों को रोकना है, मुझे पिछले दो सालों से ये लोग परेशान कर रहे हैं और हम पर झूठे केस भी लगा रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल में हैं, सत्येंद्र जैन भी जेल में हैं और अब इनका उद्देश्य हमारी पार्टी को तोड़ना है, इसलिए ये मुझे गिरफ्तार करने आए हैं. किसी के भी परेशान होने या घबराने की जरूरत नहीं है, मैं और मेरी पार्टी जनता के सारे कामों को कराएंगे. हम लोग टूटने वाले नहीं हैं. न झुके हैं और न डरने वाले हैं. हम जेल जाने के लिए तैयार है. हमें उम्मीद है कि कोर्ट से हमें इंसाफ मिलकर रहेगा.

क्‍या है पूरा मामला, जिसमें अमानतुल्लाह से ED ने की पूछताछ

आम आदमी पार्टी के विधायक होने के साथ ही अमानतुल्लाह दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं. अमानतुल्लाह के अध्यक्ष रहते हुए 32 ऐसी भर्तियां हुई थीं, जिनको लेकर आरोप लगे कि उन्‍होंने सरकारी गाइडलाइन्स को ताक पर रखकर काम किया. मामले की चिंगारी को उस वक्त और हवा मिली, जब तत्कालीन सीईओ ने कहा कि इन अवैध भर्तियों के खिलाफ ज्ञापन जारी किया था. साथ ही कहा है कि अमानतुल्लाह ने बोर्ड की कई संपत्तियों को अवैध तरीके से किराए पर दिया.

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32 भर्तियों पर बवाल, इनमें 5 रिश्तेदार और 22 ओखला निवासी

वक्‍फ बोर्ड मामले की जांच करते हुए एसीबी ने बताया था कि अमानतुल्लाह खान ने जिन 32 लोगों को भर्ती किया, उनमें 5 उनके रिश्तेदार और 22 ओखला क्षेत्र के लोग थे. यहीं से अमानतुल्लाह खान विधायक चुने गए. एफआईआर में बोर्ड के पैसे के दुरुपयोग की भी जिक्र किया गया. उधर, साल 2020 में खान को लेकर राजस्व विभाग ने एक लेटर जारी किया. इसमें कहा कि वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 14(1) के तहत खान वक्फ बोर्ड के सदस्य और अध्यक्ष नहीं रहे हैं. बताते चलें कि सितंबर 2018 में अमानतुल्लाह खान को वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया था. राजस्व विभाग का लेटर आने पर अमानतुल्लाह खान ने एक पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने लिखा था, सितंबर 2018 से 20 मार्च 2020 तक का सफर अच्छा रहा. खुशी है कि गरीबों-जरूरतमंदों तक उनका हक पहुंचा.

CBI और ED ने चार्जशीट में क्या कहा

ईडी की 5000 पेज की चार्जशीट में जावेद, दाऊद, कौसर और जीशान का नाम था. साथ ही पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर भी आरोपी थी. ईडी का कहना था कि अमानतुल्लाह के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गईं. आरोपी कौसर की डायरी में आठ करोड़ रुपये की एंट्री का भी जिक्र किया. साथ ही कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग में अमानतुल्लाह शामिल हैं. इससे पहले जांच एजेंसी ने इस मामले में कई स्थानों पर रेड भी की थी. मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई ने 23 नवंबर, 2016 को अमानतुल्लाह समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और 21 अगस्त, 2022 को चार्जशीट दाखिल की. इसमें सीबीआई ने कहा कि बोर्ड के सीईओ और संविदा पर नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गईं.

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2022 में अमानतुल्लाह हुए थे गिरफ्तार 

सीबीआई की चार्जशीट दाखिल हुए करीब एक महीना हुआ ही था कि सितंबर 2022 में एसीबी ने अमानतुल्लाह से पूछताछ की. इसके बाद रेड में 24 लाख रुपये और हथियार बरामद होने के बाद अमानतुल्लाह खान को अरेस्ट कर लिया था. हालांकि, 28 दिसंबर 2022 को उन्हें जमानत मिल गई थी.

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