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श्रद्धालुओं का जोश नहीं पड़ा ठंडा , महाकुंभ के 12वें दिन भी लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु


प्रयागराज:

13 जनवरी को शुरू हुए ‘महाकुंभ 2025’ को अब 12 दिन हो चुके हैं. लेकिन अभी भी श्रद्धालुओं का जोश ठंडा नहीं पड़ा है, उनका आना जारी है. शुक्रवार को भी लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य हो चुकी सरस्वती के त्रिवेणी तट पर ब्रह्म मुहूर्त से ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. महाकुंभ में नेपाल से भी लोग संगम स्नान करने आ रहे हैं. उन्होंने विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन की सुव्यवस्था देखकर शासन-प्रशासन की तारीफ की और मुख्यमंत्री योगी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की. नेपाल से आए पारस ने बताया कि “महाकुंभ में आकर बहुत खुशी हो रही है, जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता. मैंने सोचा नहीं था कि इतनी अच्छी व्यवस्था होगी. वहीं, सुरक्षा के भी इंतजाम पुख्ता हैं. पीएम मोदी को इसके लिए बहुत धन्यवाद देना चाहूंगा.”

अनूप भी भीड़ नियंत्रण को लेकर तत्पर टीम की प्रशंसा करते नहीं थके. उन्होंने कहा, “इस बार महाकुंभ की बहुत अच्छी व्यवस्था है. नहाने के लिए विशेष ख्याल रखा गया है. भीड़ को नियंत्रित करने का विशेष ख्याल रखा गया है. स्टेशन से लेकर घाट तक सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा गया है. कोई परेशानी नहीं हो रही है.”

आयोजन किसी चमत्कार से कम नहीं

बुजुर्ग नवरत्न के लिए भी यह आयोजन किसी चमत्कार से कम नहीं है. उन्होंने बताया कि “कुंभ मेले में हमारा परिवार बहुत दूर से आया है. यहां पर बहुत अच्छी व्यवस्था है। सुरक्षा का भी विशेष ख्याल रखा गया है. इतनी अधिक भीड़ होने के कारण उन्हें संभालने का विशेष ख्याल रखा जा रहा है.”

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कविता तिवारी प्रयागराज से ही हैं. उन्हें मेला क्षेत्र की स्वच्छता पसंद आ रही है. उन्होंने कहा, “इस बार कुंभ की व्यवस्था बहुत अच्छी की गई है. साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा गया है, जहां भी हल्की गंदगी हो रही है, सफाईकर्मी उसे साफ कर दे रहे हैं.”

अब कब हैं अमृत स्नान

पौष पूर्णिमा पर आरंभ हुआ महाकुंभ 144 वर्ष बाद आने वाला महापर्व है. 14 जनवरी को पहला अमृत स्नान हुआ था. वहीं अमृत स्नान की अन्य तिथियां 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), 3 फरवरी (बसंत पंचमी) हैं. इसके अलावा मुख्य स्नान 12 फरवरी (माघ पूर्णिमा) और 26 जनवरी (महाशिवरात्रि) को है.

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