तमिलनाडु के दो और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद डीएमके और विपक्ष आमने-सामने
चेन्नई:
तमिलनाडु (Tamil Nadu) के दो राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या 24 घंटे से भी कम समय में कर दी गई है. उनमें से एक हत्या पड़ोसी पुडुचेरी में हुई. शिवगंगा जिले के बीजेपी कार्यकर्ता सेल्वाकुमार की कल रात में हत्या कर दी गई. पुडुचेरी के कुड्डालोर जिले में एआईएडीएमके (AIADMK) के वार्ड सचिव पद्मनाभन की हत्या कर दी गई.
सेल्वाकुमार पार्टी के जिला सहकारी विंग के अध्यक्ष थे और एक हत्या के मामले में आरोपी थे. जांचकर्ताओं ने कहा है कि हत्या की वजह व्यक्तिगत दुश्मनी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने The Hindkeshariको बताया, “सेल्वाकुमार ईंट भट्टे के कारोबार से जुड़ा था… हमने संदिग्ध की पहचान कर ली है. हत्या का कारण निजी दुश्मनी प्रतीत होती है.”
पद्मनाभन जब मोटरसाइकिल से लौट रहे थे तब उनको पहले एक कार ने टक्कर मारी और फिर उनकी हत्या कर दी गई. पुडुचेरी से जांचकर्ता कुड्डालोर पहुंच गए हैं. पुलिस सूत्रों को संदेह है कि यह बदला लेने के लिए की गई हत्या है.
तमिलनाडु में इस महीने में किसी राजनीतिक पदाधिकारी की यह तीसरी हत्या है. कुछ सप्ताह पहले मायावती की बहुजन समाज पार्टी के राज्य प्रमुख आर्मस्ट्रांग की छह सदस्यीय गिरोह ने हत्या कर दी थी. जांचकर्ताओं ने इसे बदले की भावना से की गई हत्या बताया है.
आर्मस्ट्रांग पर पिछले साल एक कथित उपद्रवी आर्कोट सुरेश की हत्या की साजिश रचने का संदेह था. एक सप्ताह बाद, मदुरै में एनटीके के एक पदाधिकारी की हत्या कर दी गई. पुलिस ने इसे परिवार के भीतर भूमि विवाद का नतीजा बताया था.
कन्याकुमारी में आज सुबह एक कांग्रेस पार्षद का पति जैक्सन, जो कि एक ड्राइवर था, की हत्या कर दी गई. पुलिस छह सदस्यों वाले गिरोह की तलाश कर रही है.
यह हत्याएं सत्तारूढ़ डीएमके के लिए बड़ी शर्मिंदगी का विषय है. सरकार ने हाल ही में चेन्नई पुलिस प्रमुख और गृह सचिव का तबादला किया है. नए पुलिस प्रमुख ए अरुण हैं और धीरज कुमार नए गृह सचिव हैं. लेकिन आर्मस्ट्रांग हत्या मामले के एक आरोपी की इस बदलाव के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई.
विपक्षी एआईएडीएमके सत्तारूढ़ डीएमके पर निशाना साध रही है. एआईएडीएमके के प्रवक्ता कोवई सत्यन ने कहा कि यह हत्याएं राज्य में अराजकता और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अक्षमता स्पष्ट दिखा रही है.”
राज्य के बीजेपी प्रमुख के अन्नामलाई ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “एमके स्टालिन को यह सोचना चाहिए कि क्या उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने का नैतिक अधिकार है.”
सत्तारूढ़ डीएमके का कहना है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति भाजपा शासित राज्यों से कहीं बेहतर है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए उसने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.
डीएमके के प्रवक्ता डॉ हफीजुल्लाह ने कहा, “दुनिया भर में अपराध-मुक्त स्थिति एक सपने की तरह है. महत्वपूर्ण यह है कि सरकार किस तरह से प्रतिक्रिया करती है और रोकथाम करती है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इनसे दृढ़ता और पेशेवर तरीके से निपट रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता कई आपराधिक मामलों में शामिल हैं, जिनमें हत्या और ड्रग्स के मामले भी शामिल हैं. अन्नामलाई को आत्मचिंतन करना चाहिए कि उन्हें राज्य बीजेपी अध्यक्ष के पद पर बने रहना चाहिए या नहीं.”
यहां तक कि बीजेपी की तमिलिसाई सुंदरराजन ने भी कहा है कि पार्टी ने बिना किसी जांच के अपराधियों को शामिल कर लिया, जबकि उनके पार्टी प्रमुख रहते हुए ऐसा नहीं हुआ.