तूफान रेमल के असर से पूर्वोत्तर में भारी बारिश, पेड़ उखड़ें; हवाई और ट्रेन यातायात भी प्रभावित
आइजोल में चक्रवात के असर की वजह से पत्थर की खदान ढह गई. जिसमें कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. खोज और बचाव अभियान शुरू किया गया है. इसके अलावा आइजोल में सामुदायिक कब्रिस्तान ढह गया. भारी भूस्खलन के कारण मिजोरम में लेंगपुई हवाईअड्डे का रास्ता अवरुद्ध हो गया. मेघालय के तुरा, गारो हिल्स में कल रात आए तूफान में कई बड़े पेड़ गिर गए.
कई हिस्सों में जोरदार बारिश, स्कूल बंद
तूफान के असर को देखते हुए त्रिपुरा, मेघालय में स्कूल बंद रहेंगे. चक्रवात रेमल के कारण असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई, हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है. जबकि आईएमडी ने पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, त्रिपुरा में एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं. असम में भी एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं. खराब मौसम के कारण छात्रों को किसी भी अप्रिय घटना से राहत दिलाने के लिए मेघालय के सभी जिलों ने आज स्कूल बंद रखने की घोषणा की है.
बंगाल में 6 लोगों की मौत, कई हजार घर क्षतिग्रस्त
पश्चिम बंगाल में रेमल से 24 प्रखंड और 79 नगरपालिका वार्ड में करीब 29,500 घर आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें से अधिकतर दक्षिणी तटीय इलाकों में हैं. राज्य के विभिन्न हिस्सों में दो हजार से अधिक पेड़ उखड़ गए और लगभग 1500 से ज्यादा बिजली के खंभे गिर गए. शुरुआती आकलन से संकेत मिला है कि 27,000 घर आंशिक रूप से और 2,500 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
बांग्लादेश में भी रेमल से भारी नुकसान
चक्रवाती तूफान रेमल के बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने के बाद कम से कम 10 लोगों की मौत हुई और लाखों लोगों को बिना बिजली के रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. रेमल के तट से टकराने पर 120 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं और सैकड़ों गांवों में पानी भर गया. मौसम विभाग ने बताया कि ‘रेमल’ सोमवार की सुबह थोड़ा कमजोर हुआ और हवा की गति 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गयी. चक्रवाती तूफान रविवार रात को तट से टकराया था.
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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