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ED अच्छा काम कर रही, 97% केस गैर-राजनीतिक लोगों के ख़िलाफ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

समाचार एजेंसी ANI के साथ एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि ईमानदार व्यक्ति को डरने की कोई ज़रूरत नहीं है, लेकिन भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को ‘पाप का डर’ होता है.

प्रधानमंत्री ने कहा, “विपक्ष के कितने नेता जेल में हैं…? मुझे कोई नहीं बताता… और क्या ये वही विपक्षी नेता हैं, जो अपनी सरकार चलाया करते थे…? पाप का डर है… एक ईमानदार व्यक्ति को क्या डर होता है…? जब मैं मुख्यमंत्री था, तो उन्होंने मेरे गृहमंत्री को जेल में डाल दिया था… देश को यह समझना चाहिए कि ED के केवल 3 प्रतिशत मामलों में राजनेता शामिल होते हैं और 97 प्रतिशत मामले उन लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज होते हैं, जो राजनीति से संबंधित नहीं हैं…”

PM नरेंद्र मोदी ने कहा, “(ऐसे लोग जो राजनीति से संबंधित नहीं) या तो ड्रग माफिया हैं, या वे अधिकारी हैं, जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं, कुछ अधिकारियों के ख़िलाफ़, जिन्होंने बेनामी संपत्ति बनाई है, उन्हें जेल भेजा गया है…”

प्रधानमंत्री ने प्रवर्तन निदेशालय की सराहना भी की और कहा कि 2014 में केंद्र में कार्यभार संभालने के बाद से इस केंद्रीय एजेंसी ने भ्रष्टाचार से निपटने में अहम योगदान दिया है.

PM ने आगे कहा, “वर्ष 2014 से पहले ED ने केवल ₹5,000 करोड़ की संपत्ति ज़ब्त की थी… क्या किसी ने ED को कार्रवाई करने से रोका था और किसे फायदा हो रहा था…? मेरे कार्यकाल में ₹1 लाख करोड़ की संपत्ति ज़ब्त की गई है… क्या यह देश के लोगों का पैसा नहीं है…?”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पिछले 10 वर्ष में हमने ₹2,200 करोड़ नकद बरामद किए हैं, जबकि 2014 से पहले ED केवल ₹34 लाख नकद बरामद कर सकी थी, जिसे स्कूल बैग में ले जाया जा सकता था… जबकि ₹2200 करोड़ रखने के लिए 70 छोटे ट्रकों (छोटा हाथी) की आवश्यकता होगी… इसका मतलब है कि ED अच्छा काम कर रही है…”

PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश को भ्रष्टाचार ने तबाह कर दिया है और भ्रष्टाचार से पूरी ताकत से निपटना होगा. उन्होंने कहा, “उन्होंने (ED ने) लोगों को गिरफ़्तार भी किया है, नकदी भी ज़ब्त की है… और मुझे विश्वास है कि भ्रष्टाचार ने देश को तबाह कर दिया है… हमें अपनी पूरी ताकत से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना चाहिए, और यह व्यक्तिगत स्तर पर मेरा दृढ़निश्चय है…”

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गौरतलब है कि इन्डी गठबंधन के नेता सत्तारूढ़ BJP द्वारा ‘केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग’ के ज़रिये ‘विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने’ का आरोप बार-बार लगाते रहे हैं. इस साल 22 मार्च को भारतीय चुनाव आयोग को सौंपे गए पत्र में कहा गया कि “संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की गिरफ़्तारी का उद्देश्य स्पष्ट रूप से उनके संबंधित राज्यों के, और पार्टियों के भी, मामलों के लोकतांत्रिक कामकाज पर दमनकारी और हानिकारक प्रभाव डालना है…”

आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उत्पाद शुल्क नीति मामले में ED द्वारा गिरफ़्तार किए जाने के बाद इन्डी गठबंधन ने चुनाव आयोग को अभ्यावेदन दिया था. यह मामला उस दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2022 को तैयार करने और लागू करने में कथित अनियमितताओं और मनी लॉन्डरिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था. भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के. कविता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी उत्पाद नीति केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

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