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नेशनल हेराल्ड केस में ED का बड़ा एक्शन, जब्त की 752 करोड़ रुपए की संपत्ति

नेशनल हेराल्ड मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने यंग इंडियन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी से जुड़ी कंपनी की 90 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.

ईडी ने एक्स पर एक ट्वीट में कहा, “ईडी ने पीएमएलए, 2002 के तहत जांच किए गए मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में 751.9 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से संलग्न करने का आदेश जारी किया है.”

वहीं ईडी की इस कार्रवाई पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि, ईडी द्वारा एजेएल संपत्तियों की कुर्की की खबरें प्रदेशों में चल रहे चुनावों में निश्चित हार से ध्यान हटाने की उनकी हताशा को दर्शाती हैं.

कांग्रेस ने हमेशा से केंद्र पर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग या किसी मौद्रिक विनिमय का कोई सबूत नहीं है.

इस मामले में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा समाचार पत्र चलाने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में धोखाधड़ी, साजिश और आपराधिक विश्वासघात के आरोप शामिल हैं.

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इस सिलसिले में एजेंसी पहले ही सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है.

संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया कि इस मामले में अंशधारक और कांग्रेस को चंदा देने वालों से एजेएल और पार्टी ने ठगी की. ईडी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन कंपनी के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने का आदेश धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी किया था. नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है.

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास यंग इंडियन कंपनी के ज्यादातर शेयर हैं. दोनों में से प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं.

एजेंसी ने मामले के सिलसिले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के नेता पवन बंसल, डी.के. शिवकुमार (कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री) और उनके सांसद भाई डी.के. सुरेश से पिछले साल पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए थे. सूत्रों के मुताबिक, मामले में ईडी के आरोपपत्र दाखिल करने के बाद उन्हें पूछताछ के लिए फिर से बुलाया जा सकता है।

धनशोधन का ये मामला दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के एक आदेश से उपजा है, जिसमें नेशनल हेराल्ड के क्रियाकलाप में कथित अनियमितताओं के खिलाफ एक निजी शिकायत का 26 जून 2014 को संज्ञान लिया गया था. ईडी ने कहा कि अदालत ने पाया था कि यंग इंडियन सहित सात आरोपी व्यक्तियों और संस्थाओं ने ‘प्रथम दृष्टया’ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक विश्वासघात के अपराध किए, जिसमें धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति के लेनदेन को प्रेरित करना, संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग और आपराधिक साजिश शामिल हैं.

एजेंसी ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों ने यंग इंडियन के माध्यम से एजेएल की करोड़ों रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची. ईडी ने कहा,‘‘एजेएल को समाचारपत्र प्रकाशित करने के उद्देश्य से भारत के विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी.” ईडी ने आरोप लगाया है कि एजेएल ने 2008 में अपना प्रकाशन बंद कर दिया और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का उपयोग करना शुरू कर दिया.

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