रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में तेजस्वी यादव से ईडी की पूछताछ जारी
खास बातें
- तेजस्वी यादव से नौकरी के बदले भूखंड मामले में ED की पूछताछ
- तेजस्वी मंगलवार सुबह 11.35 बजे ED कार्यालय पहुंचे
- RJD ने BJP पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया
पटना:
राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से रेलवे में कथित नौकरी के बदले भूखंड घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के पटना स्थित कार्यालय में पूछताछ जारी है. ईडी अधिकारियों ने बताया कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मंगलवार सुबह करीब 11.35 बजे ईडी कार्यालय परिसर में दाखिल हुए. उनसे पूछताछ शुरू हो गई है. इसी मामले में उनके पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से ईडी के अधिकारियों ने यहां अपने कार्यालय में सोमवार को नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी.
यह भी पढ़ें
केंद्रीय जांच एजेंसी ने 19 जनवरी को लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव से पूछताछ के लिए नया समन जारी किया था. इस मामले में राजद के दोनों नेताओं से पूछताछ के लिए दिल्ली से ईडी अधिकारियों की एक टीम रविवार को पटना पहुंची थी.
राजद ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का मंगलवार को आरोप लगाया. राजद सांसद मनोज झा ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग का इस्तेमाल उन लोगों के खिलाफ करती है जिनसे वे डरते हैं.”
भाजपा पर हमलावर राजद नेता
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए राजद के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) शक्ति सिंह यादव ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा नेता 2024 के लोकसभा चुनाव से डरते हैं. यह सर्वविदित तथ्य है कि तेजस्वी यादव उस समय नाबालिग थे, जब कथित नौकरी के बदले भूखंड घोटाला मामला प्रकाश में आया था. वे उन पर इसलिए आरोप लगा रहे हैं क्योंकि वह लालू प्रसाद के बेटे हैं.”
उन्होंने कहा कि बिहार में पिछली महागठबंधन सरकार में तेजस्वी यादव द्वारा भारी संख्या में प्रदान की गई नौकरियों से भाजपा नेता डर गए हैं.
वे जांच एजेंसियों से क्यों डरते हैं : सम्राट चौधरी
राजद नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए बिहार के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब चारा घोटाला हुआ था. जब वह रेल मंत्री थे तो नौकरी के बदले जमीन घोटाला हुआ. फिर वे जांच एजेंसियों से क्यों डरते हैं… ईडी निश्चित रूप से मामले की जांच करेगी.”
नौकरी के बदले जमीन घोटाला 2004 और 2009 के बीच रेलवे में नौकरियों से संबंधित है.
ये भी पढ़ें :
* “भावी प्रधानमंत्री को बीजेपी ने मुख्यमंत्री तक ही सीमित कर दिया”: बिहार में सत्ता परिवर्तन पर अखिलेश यादव
* तेजस्वी यादव के खिलाफ खत्म हो सकता है आपराधिक मानहानि केस, सुप्रीम कोर्ट ने दिये संकेत
* Bihar Politics : नीतीश कुमार ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, नौवीं बार बने सीएम