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आंध्र प्रदेश में 2024 में होगी चुनावी जंग, 2023 में छायी रही चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी

राज्य में विधानसभा चुनाव अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ ही हो सकते हैं और इसी के साथ यह स्पष्ट हो जाएगा कि वाईएसआरसीपी के संस्थापक-अध्यक्ष और मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी के कल्याण-केंद्रित शासन को लोगों ने पसंद किया या नहीं.

रेड्डी ने कल्याणकारी कार्यक्रमों पर 2.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया है और राज्य के लोगों से कई बार आह्वान किया है कि अगर उन्हें लगता है कि उनके परिवार को इस सरकार से फायदा मिला है तो वे उनके लिए वोट करें.

राज्य में 2023 में हुई प्रमुख घटनाओं में तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता नायडू की गिरफ्तारी की घटना रही.

आंध्र प्रदेश के अपराध जांच विभाग ने नौ सितंबर की सुबह नंदयाला में नायडू को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें इस दक्षिणी राज्य के मुख्यमंत्री के तीसरे कार्यकाल (2014-2019) के दौरान 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास निगम घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया.

इस गिरफ्तारी के बाद एक राजनीतिक गठबंधन का निर्माण हुआ लेकिन यह सवाल अभी बरकरार है कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्षी खेमे में शामिल होगी.

नायडू की गिरफ्तारी से ‘क्षुब्ध’ अभिनेता से नेता बने और जनसेना के संस्थापक पवन कल्याण ने पूर्व मुख्यमंत्री से राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में मुलाकात की और अगले चुनावों में वाईएसआरसीपी को हराने के लिए 14 सितंबर को तेदेपा के साथ गठबंधन की घोषणा कर दी.

जनसेना भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का घटक दल है और उसने हाल में संपन्न तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया था. हालांकि, जनसेना तेलंगाना के मतदाताओं को रिझाने में कामयाब नहीं रही और सभी आठ सीट पर उसकी जमानत जब्त हो गयी. तेलुगु भाषी पड़ोसी राज्य में कांग्रेस ने जीत हासिल की.

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अभी यह देखना बाकी है कि भाजपा आंध्र प्रदेश में तेदेपा-जनसेना गठबंधन का हिस्सा बनेगी या नहीं.

नायडू की गिरफ्तारी को अदालतों में जोरदार ढंग से चुनौती दी गयी और उनकी पैरवी के लिए दिल्ली से नामी वकीलों को बुलाया गया. उन्हें 31 अक्टूबर को चार सप्ताह की अंतरिम चिकित्सा जमानत मिली और उसके बाद 20 नवंबर को नियमित जमानत मिली.

इसके अलावा 2023 में आंध्र प्रदेश में दो ट्रेन दुर्घटनाओं का असर देखा गया. एक ट्रेन दुर्घटना जून में ओडिशा में हुई और दूसरी 29 अक्टूबर को विजयनगरम जिले में हुई.

दो जून को शालीमार से चेन्नई जा रही ट्रेन भद्रक सेक्शन पर खड़गपुर से करीब 140 किलोमीटर दूर बहनागा बाजार में पटरी से उतर गयी जिससे करीब 300 यात्रियों की मौत हो गयी. इस घटना में आंध्र प्रदेश के सैकड़ों लोग बाल-बाल बच गए थे.

वहीं, 29 अक्टूबर को विशाखापत्तनम से करीब 40 किलोमीटर दूर कांतकपल्ले में पलासा यात्री ट्रेन ने रायगड़ा यात्री ट्रेन को पीछे से टक्कर मार दी जिसमें 13 लोगों की मौत हो गयी और 50 अन्य घायल हो गए.

इसके अलावा पांच दिसंबर को बापटला शहर के समीप दस्तक देने वाले चक्रवाती तूफान ‘मिगजॉम’ ने बड़े पैमाने पर तबाही मचायी, जिससे लाखों एकड़ की फसलें डूब गयीं और 770 किलोमीटर लंबी सड़कें क्षतिग्रस्त हो गयीं, पेड़ उखड़ गए और कई मवेशी भी मारे गए.

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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