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कर्नाटक से 'कुमकी हाथी' क्यों मांग रहे हैं आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम? क्या हैं इसकी खासियत


अमरावती:

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण गुरुवार को कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर बी. खंड्रे से बात करने के लिए बेंगलुरू पहुंचे और उनसे राज्य के लिए कुछ कुमकी हाथी भेजने का अनुरोध किया.बता दें कि कुमकी हाथी पालतू और प्रशिक्षित हाथी होते हैं जो जंगली हाथियों को भगाने और कभी-कभी उन्हें बचाने में भी मदद करते हैं. आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में जंगली हाथियों ने उत्पात मचा रखा है. इसके लिए आंध्र प्रदेश सरकार कर्नाटक से अनुरोध कर रही है कि वह कुछ कुमकी हाथियों को भेजे.

पवन कल्याण ने सिद्दारमैया से मुलाकात की

पवन कल्याण ने बेंगलुरु में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से भी मुलाकात की.इससे पहले बेंगलुरु पहुंचने पर कर्नाटक सरकार के प्रतिनिधियों ने हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.तमिलनाडु की सीमा से लगे चित्तूर जिले के कुछ हिस्सों और ओडिशा के पास पार्वतीपुरम मान्यम जिले में मानव-हाथी संघर्ष की कई घटनाएं देखने को मिल रही हैं.

आंध्र प्रदेश वन विभाग के अधिकारियों ने मई में कर्नाटक में अपने समकक्षों के समक्ष नौ कुमकी हाथी देने का अनुरोध किया था. कहा जाता है कि कर्नाटक में विभिन्न शिविरों में लगभग 100 हाथी हैं, लेकिन सभी कुमकी हाथी नहीं हैं.

आंध्र प्रदेश में हाथी का कोहराम

चित्तूर और पार्वतीपुरम मन्यम जिलों के कुछ हिस्सों में जंगली हाथी गांवों में घुस रहे हैं. वे न केवल खेती और बागवानी को नष्ट कर रहे हैं, बल्कि मनुष्यों पर भी हमले कर रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप कुछ लोगों की जान चली गई है.मई में चित्तूर जिले के थावनमपल्ले मंडल के सरकल्लू वन क्षेत्र से सटे आम ​​के बगीचे में एक हाथी ने एक खेतिहर मजदूर को कुचलकर मार डाला था. जून में जिले के रामकुप्पम मंडल में एक हाथी ने एक अन्य किसान को कुचलकर मार डाला था.

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पिछले साल भी था हाथियों का कोहराम

पिछले साल अगस्त में जिले में जंगली हाथियों के हमले में एक दंपति की मौत हो गई थी और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया था. मई में, जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों को हाथियों ने कुचलकर मार डाला था. हाल ही में ओडिशा ने तमिलनाडु सरकार से मानव-हाथी संघर्ष की समस्या से निपटने के लिए कुछ कुमकी हाथी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.

तमिलनाडु को एक सफल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वहां के अधिकारी कुमकी हाथियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं और उनका उपयोग वन्यजीव संरक्षण के लिए कर रहे हैं.

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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