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चीनी लोन ऐप घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने दो और आरोपियों को किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कोच्चि जोनल ऑफिस ने 20 फरवरी 2025 को फर्जी चीनी लोन ऐप घोटाले में दो आरोपियों, सैयद मुहम्मद और वर्गीस टी. जी. को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है. यह मामला केरल और हरियाणा में पीड़ितों द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि लोन ऐप संचालकों ने लोन देने के नाम पर उगाही की और अधिक पुनर्भुगतान के लिए ब्लैकमेल किया. इन ऐप्स के माध्यम से पीड़ितों से अग्रिम ईएमआई लेने, मोबाइल डेटा हैक करके धमकाने और मॉर्फ की गई अश्लील तस्वीरों को उनके संपर्कों में साझा करने की धमकी देकर वसूली की जाती थी.

ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि इन आरोपियों ने लोन ऐप धोखेबाजों के निर्देश पर लगभग 500 फर्जी बैंक खाते तैयार किए, जिनमें ₹719 करोड़ की राशि जमा हुई. यह रकम पीड़ितों से धोखाधड़ी से प्राप्त की गई थी. इसके अलावा, उन्होंने क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म “WazirX” पर 26 क्रिप्टोकरेंसी अकाउंट बनाए, जिनके माध्यम से ₹115.67 करोड़ की राशि विदेशी क्रिप्टो वॉलेट में भेजी गई.

गिरफ्तार आरोपियों ने इस अवैध गतिविधि के लिए क्रमश 2 करोड़ और 70 लाख का कमीशन प्राप्त किया. साथ ही, इस घोटाले से उत्पन्न कुछ धनराशि को सिंगापुर भेजा गया, जिसे फर्जी सॉफ्टवेयर और डिजिटल सेवाओं के आयात के नाम पर बैंकिंग चैनलों और Nium India Pvt. Ltd. के माध्यम से ट्रांसफर किया गया.

इससे पहले, ईडी ने फरवरी 2024 में मुंबई, चेन्नई और कोच्चि में 10 से अधिक स्थानों पर छापेमारी कर इस घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत जुटाए थे. इस दौरान कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए. साथ ही, घोटाले से जुड़े विभिन्न बैंक खातों में पड़ी 123.58 करोड़ की राशि को फ्रीज कर दिया गया.

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इसके अलावा, इसी मामले में 30 जनवरी 2025 को तमिलनाडु के चार अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया था, जो बैंकिंग चैनलों और Nium India के माध्यम से सिंगापुर को धन हस्तांतरित करने में शामिल थे. ईडी इस मामले में आगे की जांच कर रही है.



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