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Exclusive : सिसोदिया की सीट से क्यों चुनावी मैदान में उतरें अवध ओझा, The Hindkeshariसंग बातचीत में बताई वजह


नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Elections 2025) का ऐलान हो चुका है, अबकी बार चुनाव में कई बड़े चेहरे मैदान में हैं. लेकिन इस बार सबसे ज्यादा चर्चा जिस नाम की हो रही है. वो हैं आप (AAP) पार्टी के उम्मीदवार अवध ओझा (Avadh Ojha). अवध ओझा यूपीएससी कोचिंग और इंटरनेट की दुनिया का जाना माना चेहरा है. उन्होंने अपने पढ़ाने के अलग तरीके से लोगों के बीच खास पहचान बनाई है. लेकिन इस बार अवध ओझा दिल्ली के चुनावी दंगल में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. अवध ओझा दिल्ली में पटपड़गंज सीट (Patparganj Assembly Constituency) से चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया चुनाव जीत चुके हैं.

अबकी बार सिसोदिया (Manish Sisodia) की सीट बदल दी गई. उनकी जगह अवध ओझा मैदान में है. ऐसे में जब अवध ओझा चुनाव की तैयारियों में जी जान से जुटे हैं. उन्होंने The Hindkeshariसंग खास बातचीत की. अवध ओझा ने कहा कि अपने जीवन का एक बहुत बड़ा अनुभव लेने के बाद कि शिक्षा है क्या और इसकी भूमिका क्या है. आज मैं बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करने भी आया हूं और ज्ञान ने ही व्यक्ति के जीवन को बदला है. मेरा अभी तक वह अनुभव जो सीमित था. कुछ बच्चों तक था क्लासरूम तक था अब मैं उस ज्ञान को, उस अनुभव को इस पूरे देश के साथ बांटना चाहता हूं.

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 मनीष सिसोदिया की सीट से चुनाव लड़ना किसका फैसला

अवध ओझा ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए मैंने खुद पटपड़गंज सीट (Patparganj Seat) को चुना, क्योंकि मेरा घर यहीं पर है. अंबेडकर पार्क है. ठीक इसी सामने आप मेरा घर देख सकते हैं. मेरे बहुत सारे लोग और मेरे दोस्त यहां पर रहते हैं और शुरुआती दिनों में जब मैं दिल्ली आया तो यही रहा करता था. 7-8 महीने मैं यहीं पर ही था. इसलिए मुझे बड़ी सुविधा थी. इसलिए मैंने यहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया. मनीष सिसोदिया ने ये सीट छोड़ी नहीं बल्कि मैंने निवेदन करके उनसे ली. मनीष सिसोदिया पिछली बार इस सीट से बहुत कम अंतर से जीते थे. जिस पर उन्होंने कहा कि मैच में अक्सर ऐसा होता है. मैच जब होता है तब कभी-कभी टाई भी होता है. लेकिन जीत को ही माना जाता है. वर्ल्ड कप जो जीतेगा आखिर में तो वहीं विजेता है. 

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नेताओं के महिला विरोधी बयानों पर दिया ये जवाब

जिस तरह से विरोधी दल सिर्फ गाली देने का काम कर रहे हैं और बदतमीजी कर रहे हैं मतलब मैंने तो कभी नहीं सुना कि कोई राजनेता किसी बहुत बड़ी नेता को, किसी बहन- बेटी के गाल की तुलना रोड से करें. मुझे तो ऐसा लगता है कि दिल्ली की हमारी बहनें वो पूरी सीट उनसे पहले ही छीन चुकी है, क्योंकि लड़ाई होती है बराबर वालों के बीच में. हम तो जाते हैं तो हम अप अपना काम गिनाते हैं कि हमने आपको तीर्थ यात्रा दी, बहनों को बस यात्रा फ्री दी, शिक्षा दी. जब वो जाते हैं कहते हैं कि आपदा है.

कांग्रेस के करप्शन के आरोपों पर साधी चुप्पी

लोकसभा में आप और कांग्रेस (Congress) ने एक साथ चुनाव लड़ा लेकिन दिल्ली में कांग्रेस भी बीजेपी (BJP) की तरह आप को करप्शन पर घेर रही है. इस पर उन्होंने कहा कि मैंने इस बारे में नहीं सुना है, लेकिन मैं पढ़ने के बाद इस पर जवाब दूंगा. आजकल में 14-15 घंटे विधानसभा में रहता हूं, जिस वजह से मुझे न्यूज पढ़ने का भी मौका नहीं मिल रहा है. अपोजिशन तो कुछ ना कुछ रहती ही रहेगी, वो बड़ा प्यारा सा गाना है ना, कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना. चुनाव का टाइम है तो हमें लोगों की सुननी ही पड़ेगी.

चुनाव जीतने पर लोगों के लिए क्या करेंगे

मैंने दो तीन पर्सनल अपनी तरफ से काम निकाले हैं. जैसे मैंने देखा यहां पार्किंग की बहुत बड़ी समस्या है. इस इलाके में पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या है. मैं जाम को खत्म करने की व्यवस्था करूंगा. सरकार जितनी योजनाएं ला रही है, उससे जनता पहले ही खुश है क्योंकि जो वादे किए थे, वो पूर हो रहे हैं. सबसे बड़ी बात मैं पटपड़गंज को एक एजुकेशनल हब बनाने जा रहा हूं. किसी भी परिवार को कोचिंग की फीस ना देनी पड़े. जिस दिन इलेक्शन खत्म होगा उसके ठीक एक हफ्ते के बाद एक सेंटर यहां लॉन्च करने जा रहा हूं. बच्चों को काउंसलिंग दी जाएगी गाइडेंस दिया जाएगा और कोचिंग फ्री दी जाएगी. 

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कोचिंग सिस्टम पर उठे सवालों पर भी बोले

कोचिंग (UPSC Coaching) के बाजारीकरण पर अवध ओझा ने कहा कि पहले समाज को संस्था को फंड करता था. आश्रम क्या होता था, वहां कोई पैसा नहीं लगता था. मान लीजिए हमने यहां एक आश्रम खोला है तो जितना पूरा समाज है यह उस आश्रम को फंड करेगा. समाज ने उस जिम्मेदारी को छोड़ दिया तो अब उसे चलाने के फंड की जरूरत पड़ेगी. जिसके लिए ये सब हो रहा है. मैं मैं पढ़ाना नहीं छोडूंगा क्योंकि मुझे पहचान उसी से मिली है. मैं दिन में एक ही घंटा पढ़ाऊंगा और जो मॉडल मैं पटपड़गंज का बनाऊंगा. दिल्ली सरकार ने चाहा तो मैं उस पूरे मॉडल को पूरे दिल्ली में लागू करूंगा .

जो बढ़िया खेलेगा वो ही जीतेगा

अवध ओझा पटपड़गंज में जीत को लेकर कितने आश्वस्त है, जब ये सवाल उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि खेल और राजनीति में लड़ाई हमेशा मजेदार होती है. जो अच्छा खेलेगा वो ही जीतेगा. जीत के प्रति मुझे पूरा भरोसा है. इतने सारे लोग मेरे साथ है, जिस घर में जाता हूं सब इतना प्रेम दे रहे हैं. इसलिए मैं जीत के प्रति पूरा आश्वस्त हूं.


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