देश

Explainer : महाराष्ट्र में कमजोर पड़कर भी ताकतवर हो गए एकनाथ शिंदे

एकनाथ शिंदे ने कई बार ये बात दोहराई है कि उन्होंने बगावत इसलिए की, क्योंकि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया था. वो मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, लेकिन बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता होते देख उन्हें विद्रोह करना पड़ा. उन्होंने आरोप भी लगाया कि बालासाहेब ठाकरे पार्टी पदाधिकारियों को दोस्त मानते थे लेकिन उद्धव हमें घरेलू सहायक समझने लगे थे.

शिंदे जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग हो गए थे और उन्होंने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई.

कौन हैं एकनाथ शिंदे?
एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र की राजनीति में अब एक कद्दावर शख्सियत बन गए हैं. कभी ऑटो रिक्शा चलाने वाले शिंदे ने 1997 में पार्षद से राजनैतिक सफर की शुरुआत की. 2004, 2009, 2014 और 2019 में वो लगातार चार बार महाराष्ट्र विधानसभा में चुने गए. 2014 में जीत के बाद उन्हें शिवसेना विधायक दल का नेता चुना गया था, और फिर वो महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे.

2019 में मुख्यमंत्री की रेस में एकनाथ शिंदे का नाम सबसे आगे चल रहा था, लेकिन उन्होंने खुद ही अपने कदम पीछे कर लिए और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की पुरजोर वकालत की.

एक दौर था, जब एकनाथ शिंदे को ठाकरे परिवार का सबसे करीबी समझा जाता था, लेकिन बदले हालात में आज वे ठाकरे परिवार के कट्टर विरोधी हो गए हैं. बहरहाल, इसी सियासी रंजिश का नतीजा है कि वे आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं.

ये भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव में सफलता के बाद भी उद्धव ठाकरे के सामने अभी भी है ये बड़ी चुनौती

यह भी पढ़ें :-  The Hindkeshariइलेक्शन कार्निवल : रांची में आदिवासियों के मुद्दे पर किस दल का जोर? क्या है नेताओं की राय


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button