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Explainer: ओले, ठंड, बारिश… चट्टानों में काटी रात, उत्तराखंड में कैसे मर गए 9 ट्रैकर!

रास्ता भटकने से 14500 फीट की ऊंचाई पर फंसे ट्रैकर्स

कर्नाटक ट्रैकिंग एसोसिएशन का 25 सदस्यीय दल 3 गाइडों के साथ 29 मई को उत्तर काशी के सिल्ला गांव से सहस्त्रताल गए थे. उन्होंने वन विभाग और पर्यटन विभाग से इसके लिए परमिशन ली थी. इसमें 21 ट्रैकर बेंगलुरु और एक पुणे का था.वहीं तीनों गाइड उत्तराखंड के ही थे. ये दल 3 जून को सहस्त्रताल के लिए रवाना हुआ था. वापस लौटते समय तेज बारिश और ओले गिरने शुरू हो गए. जिसकी वजह से ये लोग बीच में ही फंस गए. कोहरा इतना था कि कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, ये लोग रास्ता भटक गए. ठंड में फंसे कई लोग बीमार पड़ गए. 

20 घंटे तक ड्राईफ्रूट खाकर बचाई जान

बचाए गए ट्रैकर्स इस कदर दहशत में हैं. उन्होंने अपने जीवन के 20 घंटे इतने खौफ में गुजारे कि वह इसे कभी भूल नहीं पाएंगे. अंधेरे में फंसे ट्रैकर्स को ड्राईफ्रूट खाकर अपनी जान बचानी पड़ी. उनको तो ट्रैकिंग के दौरान हुई घटना तक याद नहीं है. जानकारी के मुताबिक, सहस्त्रताल की ऊंचाई पर करीब 90 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बर्फीला तूफान आया था. जिसके बाद उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया. ठंड ऐसी कि सहना मुश्किल हो जाए. कर्नाटक सरकार लगातार रेक्स्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं. 
 


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