देश

Explainer : 'हिट-एंड-रन' कानून में ऐसा क्या बदला, जिसकी वजह से देशभर में हुआ 'चक्का जाम'

ड्राइवरों ने सोमवार से देश भर में नेशनल हाइवे और कई अन्य प्रमुख सड़कों को जाम कर तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. इस वजह से न केवल यातायात बाधित हैं, बल्कि ये डर कि कहीं पेट्रोल-डीजल ना खत्म हो जाएं, कई पेट्रोल पंप पर भी लोगों की भीड़ देखी जा रही है.

सरकार का कहना है कि नए कानून रोड एक्सीडेंट्स में अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए बनाए गए हैं. पहले रोड एक्सीडेंट में घायल को वहां छोड़कर भाग जाने वाले और घायल को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाने वालों के लिए एक जैसे ही क़ानून थे, एक जैसी ही सजा थी.

अब नए कानून में भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (1) और 106 (2) है, जो इस तरह के ग़ैरइरादतन हत्या के अपराध में लगती हैं. इसके मुताबिक अगर किसी व्यक्ति से गलती से एक्सीडेंट होता है, और वो घायल को अस्पताल लेकर जाता है या पुलिस/मजिस्ट्रेट को तुरंत सूचित करता है, तो ये BNS की धारा 106 (1) के अन्तर्गत आएगा, जो जमानती होगा. इसमें अधिकतम 5 साल तक की सज़ा का प्रावधान है. कहा जा रहा है कि इससे लोग अपनी ज़िम्मेदारी निभायेंगे और लोगों की जान बच पाएगी.

एक्सीडेंट कर भागने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान

वहीं अगर कोई व्यक्ति एक्सीडेंट के बाद वहां से भाग जाता है, यानी हिट-एंड-रन (Hit and run), तो उस पर BNS की धारा 106 (2) लगेगी, जो ग़ैर जमानती अपराध होगा और उसमें 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. हिट-एंड-रन मामले में 10 साल तक जो प्रावधान बढ़ाया गया है, ये सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन के तहत लिखा गया है.

Latest and Breaking News on NDTV

सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में कहा है कि वाहन चालक जो लापरवाही से गाड़ी चलाते हैं और सड़क पर दुर्घटना करके, जिसमें किसी की मौत हो जाती है वहां से भाग जाते हैं, ऐसे लोगों पर कार्रवाई सख़्त होनी चाहिए.

यह भी पढ़ें :-  हाथरस सत्संग हादसे में 6 गिरफ्तार, बाबा के फरार सेवादार पर 1 लाख का इनाम, जानें पुलिस ने क्या-क्या बताया
आंकड़ों की बात करें तो 2021 में हिट एंड रन की 57,415 घटनाएं हुईं हैं, जिनमें 25,938 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. वहीं 2022 में ये आंकड़ा और बढ़ा है. 2022 में 67,387 हिट एंड रन के मामले सामने आए. इनमें 30,486 लोगों की मौत हुई और 54,726 लोग घायल हुए.

आंकड़े के मुताबिक, देश में हर दिन औसतन 1264 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 462 लोगों की मौत हो जाती है. 2022 में 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं यानि 2021 की तुलना में 11.9% की बढोत्तरी. वहीं 1,68,491 मौत यानि 2021 की तुलना में 9.4% की बढोत्तरी. साथ ही 4,43,366 घायल जो 2021 की तुलना में 15.3% अधिक है.

Latest and Breaking News on NDTV

नेशनल हाईवे पर दुर्घटनाओं की बात करें तो देश की सड़कों में नेशनल हाईवे का हिस्सा केवल 2.1% है, लेकिन दुर्घटनाओं में 32.9% और मौत में 36.2% हिस्सा है. दुर्घटनाओं के तरीके की बात करें तो पीछे से टक्कर 19.5%, हिट एंड रन 18.1% और आमने-सामने की टक्कर 15.7% है.

दुर्घटना का कारण 77% ओवर स्पीडिंग,  2.2% नशे में गाड़ी चलाना और  गलत दिशा में गाड़ी चलाना 4.8% है. दुर्घटना के शिकार हुए लोगों की मौत मामले में दोपहिया चालक 44.5%, पैदल चलने वाले 19.5% और साइकल सवार 2.9% हैं.

सबसे अधिक दुर्घटनाएं तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, केरल, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में होती हैं. वहीं दुर्घटना से सबसे अधिक मौत वाले राज्य उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक हैं. वहीं दुर्घटना वाले बड़े शहरों की बात करें तो उसमें दिल्ली, इंदौर, जबलपुर, बैंगलुरु और चेन्नई है. वहीं दुर्घटनाओं में सबसे ज़्यादा मौत मामले में दिल्ली, बेंगलुरु, जयपुर, कानपुर और इंदौर हैं.

रोड एक्सीडेंट कोविड जितना ही खतरनाक है. कोविड से तीन साल में 5.23 लाख लोगों की मौत हुई, तो वहीं सड़क दुर्घटनाओं में इसी दौरान 4.43 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

यह भी पढ़ें :-  नए हिट एंड रन कानून में ऐसा क्या है जो विरोध में सड़कों पर उतरे ट्रक-बस ड्राइवर, ट्रांसपोर्टर दे रहे ये तर्क
Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button