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यूक्रेन युद्ध से लेकर आर्थिक एजेंडा…PM मोदी-पुतिन शिखर वार्ता के केंद्र हो सकते हैं ये मुद्दे


नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मॉस्को में आज शिखर वार्ता होने वाली है. ऊर्जा, व्यापार, विनिर्माण और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग को और बढ़ावा देने के उपाय शिखर वार्ता के केंद्र हो सकते हैं. वार्ता दोनों नेताओं के बीच होने के अलावा प्रतिनिमंडलों के साथ भी होगी. प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक के लिए सोमवार को रूस की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे है. आज वार्ता से पहले पीएम मोदी ने मॉस्को में भारतीय समुदाय को संबोधित भी किया.

PM मोदी-पुतिन शिखर वार्ता के केंद्र हो सकते हैं ये मुद्दे-

वार्ता में यूक्रेन युद्ध का जिक्र भी हो सकता है. भारत अपने इस रुख को फिर से पुष्टि कर सकता है कि बातचीत और कूटनीति ही संघर्ष के समाधान का एकमात्र जरिया हैं.युद्ध के मैदान पर कोई हल नहीं निकाला जा सकता.

सूत्रों के अनुसार वार्ता के दौरान आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाने पर जोर होगा, खासकर ऊर्जा, व्यापार, विनिर्माण और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में. दोनों देशों के बीच निवेश संबंध भी बढ़ रहे हैं, जिसमें बैंकिंग, रेलवे और इस्पात के क्षेत्र शामिल हैं. जिन्हें और मजबूत किया जा सकता है.

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पिछले वर्ष, रूस से 80 एमएमटी से अधिक कच्चे तेल का आयात किया गया था. इसी तरह रूस आयातित उर्वरकों का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है. पिछले साल रूस से 48 लाख टन से अधिक उर्वरकों का आयात किया गया था. उर्वरकों की आपूर्ति  किसानों के लिए महत्वपूर्ण है.

रूस हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार रहा है. परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में, कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई 1 और 2 पहले ही चालू हो चुकी हैं. इकाई 3 और 6 पर काम प्रगति पर है. ऐसे में दो नए आगामी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. ये एजेंडा पर भी वार्ता का केंद्र रह सकता है.

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हर साल आयोजित होती है ये वार्ता

भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर वार्ता दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद प्रक्रिया है. वार्षिक शिखर वार्ता एक-एक बार भारत और रूस में आयोजित की जाती है. पिछली शिखर वार्ता छह दिसंबर 2021 को नयी दिल्ली में आयोजित हुई थी. राष्ट्रपति पुतिन इसमें हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे. (भाषा इनपुट के साथ)

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