भारतीय बाजार में उपलब्ध मसालों के सैंपल में ETO की मौजूदगी नहीं, FSSI ने दी क्लीन चिट
नई दिल्ली:
भारतीय बाजार में उपलब्ध मसालों के लिए गए सैंपल में ETO (Ethylene Oxide) की मौजूदगी नहीं है. MDH और Everest के मसालों पर सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में सवाल उठने और ईटीओ की मौजूदगी के बाद FSSAI ने मसालों के सैंपल को जांच के लिए लिया था. एवेरेस्ट मसाले के दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से 9 सैंपल लिए थे. वहीं एमडीएच के 11 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से 25 सैंपल लिए गए थे.
कुल लिए गए 34 सैंपल में से 28 की रिपोर्ट आ गई है और इसमें ETO की मौजूदगी नहीं है. वहीं, दूसरे ब्रांड के मसालों के 300 सैंपल में से भी किसी में ETO की मौजूदगी नहीं पायी गयी है. बाकी दूसरे पैमाने पर भी भारतीय बाजार में उपलब्ध मसाले खरे उतरे हैं. 22 अप्रैल को देश के तमाम फूड कमिश्नर को मसालों के सैंपल लेने के आदेश दिए गए थे.
मसाला निर्यात पर पड़ सकता है असर
फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स (एफआईएसएस) ने शुक्रवार को कहा था कि यदि मसालों में एथिलीन ऑक्साइड (ETO) की मौजूदगी के मुद्दे को जल्द हल नहीं किया जाता है तो चालू वित्त वर्ष के दौरान मसाला निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है.वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का मसाला निर्यात कुल 4.25 अरब डॉलर था जो वैश्विक मसाला निर्यात का 12 प्रतिशत था.एफआईएसएस के सचिव तेजस गांधी ने कहा, ‘बहुत से निर्यातकों को ऑर्डर मिले हुए हैं और उस प्रकरण के बाद उन्हें कुछ हद तक रोक दिया गया है. हमारे अनुमान के मुताबिक, अगर समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो इस साल मसाला निर्यात 40 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकता है.’
नेपाल ने गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के कारण भारतीय मसालों पर लगाया प्रतिबंध
सिंगापुर और हांगकांग के बाद, नेपाल ने भी कथित गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को लेकर भारतीय कंपनियों के कुछ मसाला उत्पादों के आयात और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है.नेपाल के खाद्य प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के अनुसार, एमडीएच और एवरेस्ट के चार मसाला उत्पादों को संदिग्ध एथिलीन ऑक्साइड या ईटीओ विकार के कारण शुक्रवार से प्रतिबंधित कर दिया.इसके तहत एमडीएच के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और मिश्रित मसाला करी पाउडर तथा एवरेस्ट के फिश करी मसाला पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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