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गुजरात ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हासिल किया देश में सबसे अधिक निवेश: कोलियर्स रिपोर्ट

अपनी स्टडी में कोलियर्स ने यह भी बताया है कि वर्ष 2023 में गुजरात ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे अधिक निवेश हासिल किया है. “मोस्ट पिर्फर्ड डेस्टिनेशन फॉर मैन्युफैक्चरिंग” के मामले में गुजरात के बाद महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है. 

“भारत के मैन्युफैक्चरिंग हब बनने में गुजरात का बड़ा योगदान”

कोलियर्स इंडिया में एडवाइजरी सर्विसेस के एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर और हेड श्री स्वप्निल अनिल ने भारत के मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की यात्रा में गुजरात के योगदान के बारे में बात करते हुए बताया, “नई औद्योगिक नीति के तहत, गुजरात विनिर्माण क्षेत्र के लिए लगभग 34.7% प्रोत्साहन और लाभ आवंटित करता है, और जिसकी औसत सेटअप लागत अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है. यही कारण है कि गुजरात ने 2023 में घरेलू और विदेशी दोनों मैन्यूफैक्चरर्स से 30,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हासिल किया है. गुजरात में आने वाला यह निवेश राज्य के इंडस्ट्रियल फूटप्रिंट्स को मजबूत बनाएगा.”

वर्तमान में भी गुजरात देश का अग्रणी मैन्युफैक्चरिंग सेंटर है. यह स्टडी कहती है कि गुजरात की इस उपलब्धि के कई कारण हैं, जो नीतियों, संसाधनों और निवेश अनुकूल वातावरण के रणनीतिक संयोजन को दर्शाते हैं. इस स्टडी के अनुसार नीचे दिए जा रहे कारण भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की यात्रा में गुजरात की सर्वाधिक योगदान को सुनिश्चित करेंगे. 

वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन: एक वैश्विक आर्थिक गठजोड़

पिछले दो दशकों से, वाइब्रेंट गुजरात समिट देश में सबसे महत्वपूर्ण निवेश कार्यक्रम के रूप में अपनी पहचान बनाई है. पर्याप्त निवेश प्राप्त करने और MoUs की उच्चतम रूपांतरण दरों का दावा करते हुए, गुजरात सरकार का यह समिट वैश्विक आर्थिक सहयोग के लिए सर्वोच्च प्रतीकों में से एक है. इस समिट से राज्य सरकार ने वैश्विक स्तर पर औद्योगिक आवश्यकताओं को समझा और उसके अनुसार राज्य में सर्विसेस और इन्फ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया है. इस स्टडी के अनुसार गुजरात, 50 करोड़ रुपए की कैपिंग के साथ प्रोजेक्ट कॉस्ट के 40% की लागत में कॉमन एन्वायर्न्मेन्टल इन्फ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटीज़ की सुविधा प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त, यह लैंड यूज़ कनवर्जन के लिए रियायती दर प्रदान करता है जिससे निवेशक यहाँ निवेश करने के लिए आकर्षित होते हैं. 

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रणनीतिक MoUs मजबूत मैन्यूफैक्चरिंग साझेदारी

अपने सक्रिय दृष्टिकोण के प्रमाण में, दसवें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के पूर्वार्ध में गुजरात ने पिछले 6 महीने में ही कई MoUs किए हैं. अक्टूबर 2023 में हुए कई MoUs में से केवल तीन MoUs का सामूहिक मूल्य 3,000 करोड़ रुपए से अधिक है. यह दिखाता है कि गुजरात का प्रशासनिक शैली काफ़ी प्रगतिशील है. ये MoUs कपड़ा, औद्योगिक पार्क, इंजीनियरिंग और ऑटो उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जो क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं. गुजरात की किफायती श्रम सुविधा और सहायक सरकारी नीतियां औद्योगिक विकास के लिए लाभ में परिवर्तित हो जाती हैं. राज्य में भूमि की दरें अन्य राज्यों की तुलना में कम हैं, यहाँ बहुत ही विशेष लास्ट-माइल कनेक्टिविटी और मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर जिसमें बंदरगाह, सड़क मार्ग और रेलवे शामिल हैं. इसके अलावा, गुजरात अपने समकक्षों की तुलना में अधिक आकर्षक दरों पर पानी, बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन प्रदान करता है.

विनिर्माण प्रभुत्व और प्रोत्साहन आवंटन

कोलियर्स ने अपनी स्टडी में यह पाया कि राज्य के एक्सपोर्ट पोर्टफोलियो में मैन्युफैक्चरिंग की महत्वपूर्ण 12.5% हिस्सेदारी के साथ, गुजरात इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में अपनी शक्ति को रेखांकित करता है. गुजरात इंडस्ट्रियल कॉमन पॉलिसीज़ से कुल प्रोत्साहनों और लाभों का 34.7% पर्याप्त मात्रा में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आवंटित करता है, जो मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ को गति देने की गुजरात की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इतना ही नहीं, गुजरात का प्रतिस्पर्धी औसत किराया (लगभग 18.5 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह) और आकर्षक पूंजी दरें (लगभग 16.50 मिलियन रुपये प्रति एकड़) राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे तुलनीय राज्यों से बेहतर हैं. राज्य की 1600 किमी लंबी तटरेखा, जिसमें कांडला, मुंद्रा, पिपावाव और हजीरा जैसे प्रमुख बंदरगाह हैं, जो गुजरात को 505 मिलियन टन के कुल कंटेनर थ्रूपुट के साथ एक लॉजिस्टिक पावरहाउस के रूप में स्थापित करता है.

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FDI, बेहतर श्रम संबंध और सरकारी स्थिरता

गुजरात की अपील वैश्विक स्तर पर फैली हुई है. ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर, FMCG और IT में प्रसिद्ध उद्योगों ने गुजरात को प्राथमिकता दी है. इसी तरह, राज्य की श्रम शक्ति, कॉर्पोरेट हाउसेस और सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य है जिस वजह से गुजरात में देश में सबसे कम हड़तालें होती हैं. इतना ही नहीं, पिछले छह टर्म से गुजरात की शासन स्थिरता, निवेशकों और डेवलपर्स के लिए एक अनुकूल और सुरक्षित वातावरण स्थापित करती है.

भारत के विनिर्माण क्षेत्र में उभरते महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सेमीकंडक्टर, कृषि तकनीक, अपशिष्ट प्रबंधन विशेष रूप से ई-कचरा उन्नत प्रौद्योगिकियां, सस्टेनेबल प्रैक्टिसेस, इंडस्ट्री 4.0, स्थानीय विनिर्माण फोकस, AI इंटीग्रेशन, 3डी प्रिंटिंग अपनाना और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) संचालित प्रक्रियाएं शामिल हैं.

उल्लेखनीय है कि उपरोक्त अधिकतर क्षेत्रों में गुजरात ने पहले से ही अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया है और भविष्य में भी गुजरात अपनी इन विशेषताओं के बल पर भारत के मैन्युफैक्चरिंग मार्केट में सर्वाधिक योगदान कर्ता बनने का दावेदार बना रहेगा. 

आपको बता दें कि कोलियर्स, एक लीडिंग डायवर्सिफाइड प्रोफेशनल सर्विसेस और इन्वेस्टमेन्ट मैनेजमेंट कंपनी है जिन्होंने भारत में निवेश और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर हो रही दूसरी गतिविधियों पर अपनी स्टडी में यह विश्लेषण किया है. 

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