देश

पार्टी नेताओं से परामर्श नहीं किया : रोहन गुप्ता के चुनाव से इनकार पर गुजरात कांग्रेस

गुप्ता ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से घोषणा की कि वह अपने पिता की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के कारण चुनावी मुकाबले से हट रहे हैं.

उन्होंने गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल को हाथ से लिखे गए एक पत्र की एक तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें चुनावी मैदान से हटने के अपने फैसले की जानकारी दी गई थी. गुप्ता का नाम 12 मार्च को पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों की सूची में था.

दोशी ने कहा, ‘गुप्ता का निर्णय पार्टी के लिए एक झटका है क्योंकि हमने उन पर भरोसा किया और इतना बड़ा मौका दिया. हजारों योग्य पार्टी कार्यकर्ताओं में से एक को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलता है. हम निराश हैं क्योंकि उन्होंने पहले पार्टी नेतृत्व को नहीं बताया कि यह निर्णय ले रहे हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने किसी भी नेता से परामर्श किए बिना सीधे ‘एक्स’ पर पत्र अपलोड किया है. पार्टी आने वाले दिनों में इस मामले में एक निर्णय लेगी.’

पत्र में गुप्ता ने कहा, ‘गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के कारण, मेरे पिता एक अस्पताल में भर्ती हैं और मैं कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अहमदाबाद पूर्व लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस ले रहा हूं. मैं पार्टी द्वारा नामित नए उम्मीदवार को पूरा समर्थन दूंगा.’

वर्ष 2014 और 2019 में गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अहमदाबाद पूर्व सीट के लिए मौजूदा सांसद हसमुख पटेल को फिर से उम्मीदवार बनाया है. 2019 में उन्होंने 4 लाख से ज्यादा वोट के भारी अंतर से जीत हासिल की थी.

यह भी पढ़ें :-  "वोटर टर्नआउट में कमी के कारण नतीजों का आकलन हुआ मुश्किल" : The HindkeshariBattleground में बोले एक्सपर्ट्स

फैसला लेने के बाद पहली बार पत्रकारों से बात करते हुए गुप्ता ने संकेत दिया कि वह अपने फैसले पर कायम रहेंगे क्योंकि उनके पिता नहीं चाहते कि वह चुनाव लड़ें.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता 16 मार्च से आईसीयू में हैं. उन्हें डर है कि अगर मैं सक्रिय राजनीति में आया तो मेरे साथ कुछ बुरा हो जाएगा. हालांकि वह अस्पताल के बिस्तर पर हैं, लेकिन फिर भी चाहते थे कि मैं उन्हें लिखकर दे दूं कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा.”

गुप्ता ने कहा, ‘इस मुद्दे पर कल मुझसे बात करते समय वह बेहोश भी हो गए थे. इसलिए, मेरे पास चुनावी मुकाबले से हटने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है.’

किसी का नाम लिए बिना गुप्ता ने कांग्रेस नेतृत्व से पार्टी के उन नेताओं को रोकने का आग्रह किया जो उनकी प्रतिबद्धता और ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं.

गुप्ता ने कहा, ‘‘एक नेता जिसने 2002 में पार्टी को लगभग नष्ट कर दिया था, वह मुझे पार्टी के प्रति ईमानदार होने पर व्याख्यान दे रहे हैं. किसी को भी मुझे इस पर व्याख्यान देने की आवश्यकता नहीं है. मेरे पिता 40 वर्षों तक कांग्रेस के साथ थे और मैं पिछले 15 वर्षों से निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहा हूं. कुछ लोगों द्वारा निशाना साधने के बावजूद मैंने अपना काम पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया.”

 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button