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हरियाणा चुनाव Ground Report: फरीदाबाद में बीजेपी और कांग्रेस के लिए 'बागी' बने बड़ा सिरदर्द


फरीदाबाद:

Haryana Assembly elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव में राजधानी दिल्ली से सटी फरीदाबाद की विधानसभा सीटें महत्वपूर्ण है. इन सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए ‘बागी’ बड़ा सिरदर्द साबित हो रहे हैं. हाल ही में फरीदाबाद में गौरक्षा के नाम पर एक युवक की हत्या हो चुकी है. बारिश की वजह से फरीदाबाद के कई इलाकों का बुरा हाल है. फरीदाबाद की सियासी लड़ाई में इस तरह के कई मुद्दे हैं. 

टिकट कटने के कारण दुखी हुए बीजेपी के नेता दीपक डागर का रोते हुए वीडियो वायरल हो गया है. एक अन्य वीडियो कांग्रेस की पूर्व विधायक शारदा राठौड़ का है. फरीदाबाद के इस तरह के बागियों ने इस वक्त बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की नींद उड़ा दी है. पिछले चुनाव में फरीदाबाद की छह सीटों में से बीजेपी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार दो मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया गया है. कांग्रेस ने भी अपने दो पूर्व विधायकों के टिकट काट दिए हैं, जो कि बागी होकर अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं.

बल्लभगढ़ की कांग्रेस की पूर्व विधायक शारदा राठौड़ ने कहा कि, ”हुड्डा जी (पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा) ने मेरे लिए कोशिश की, कल रात में 11 बजे तक मेरा टिकट कन्फर्म था. लेकिन फिर ‘पैराशूट उम्मीदवार’ भेज दिया गया. मेरे लिए हुड्डा जी ने पूरी कोशिश की लेकिन टिकट काट दिया गया.”

फरीदाबाद में गौरक्षा के नाम पर एक युवक की हत्या के बाद जमकर राजनीति हो रही है. सड़कों की बदहाली भी बड़ा मुद्दा बनी हुई है. नूंह हिंसा के आरोपी और गौरक्षा बजरंग फोर्स के अध्यक्ष बिट्टू बजरंगी फरीदाबाद के एनआईटी (NIT) विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं. गौरक्षा और लव जेहाद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने और मारपीट करने वाले बिट्टू बजरंगी भी जलभराव और कीचड़ के बदतर हालात से परेशान हैं.

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रास्ते नहीं होने से शादियां नहीं हो रहीं

बिट्टू बजरंगी ने कहा कि, आपको अपनी कार 200 मीटर दूर छोड़नी पड़ी. हमारी विधानसभा में बहन-बेटियों की शादी नहीं हो पा रही है. बहुत आहत हूं कि यहां रास्ते नहीं हैं, इसलिए हमारी बहन-बेटियों की शादियों से इनकार कर दिया जाता है.

फरीदाबाद की गिनती हरियाणा के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में होती है. यहां 15000 से ज्यादा छोटी-बड़ी फैक्ट्रियों में पांच लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं. लेकिन थोड़ी सी बारिश में यहां के कई इलाके टापू बन जाते हैं. पानी की बेहद कमी से भी लोग परेशान हैं. ऐसे में क्या लव जिहाद और गौरक्षा कोई मुद्दा है?

हिन्दू-मुसलमान मुद्दा नहीं

एक व्यक्ति ने कहा कि, ”हमारे पास पानी नहीं है. रोज 90  रूपये का पानी मंगाते हैं. लव जिहाद या गौरक्षा मुद्दा नहीं है. यह नरक मुद्दा है, रोड नहीं है, आप पैदल भी हमारे घर आ नहीं सकते हैं.” एक महिला ने कहा, ”दस हजार महीने का कमाते हैं, तीन हजार का पानी मंगाते हैं. गरीब कैसे यहां जिएगा…यहां हिन्दू-मुसलमान मुद्दा नहीं है. दूध हमारा कासिम के यहां से आता है. मिलजुलकर रहते हैं.. सबसे बड़ा मुद्दा पानी और यह हालात हैं.”

दिल्ली से सटे होने की वजह से कांग्रेस और बीजेपी को आम आदमी पार्टी भी फरीदाबाद में टक्कर दे रही है. देखना है कि स्थानीय मुद्दे और बागियों के सिरदर्दी के बीच किस पार्टी पर जनता भरोसा दिखाती है.

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