UP में सबसे अधिक क्राइम.. राजस्थान में रेप के मामले ज्यादा, देश में साइबर अपराध बनी चुनौती : NCRB की रिपोर्ट
एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में आत्महत्या, सड़क दुर्घटना और महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं. इतना ही नही बात अगर बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध की करें तो इसमें भी वृद्धि दर्ज की गई है. एनसीआरबी के अकड़ों को देखने से पता लगा की अचानक होने वाली मौत के आंकड़े भी बढ़े हैं.
देश में दर्ज कुल मामलों में आई कमी, यूपी में सबसे अधिक मर्डर
2022 में कुल 58,24,946 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जबकि 2021 में इसकी संख्या 60,96,310 मामले दर्ज किए गए थी. यानी करीब ढाई लाख मामले कम दर्ज किए गए. बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध भी बढ़े हैं. 2021 में जहां 1,49,404 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2022 में बढ़कर ये आंकड़ा 162449 तक पहुंच गया. यानी 2021 के मुकाबले 8.7% ज्यादा मामले सामने आए हैं. हत्या के मामलों की अगर बात करें तो इस दौरान सबसे अधिक मर्डर उत्तर प्रदेश में हुए हैं. यूपी में 3,491 लोगों की हत्या हुई है. वहीं बिहार में 2,930 और महाराष्ट्र में 2,295 लोगों की हत्या हुई है.
महिलाओं पर होने वाले अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर 1
सरकारों की तरफ से होने वाले लाख दावों के बाद भी देश में महिलाओं पर अपराध कम नहीं हो रहे हैं. एनसीआरबी की तरफ से जारी किए डेटा के अनुसार 2021 जहां महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की संख्या 428278 थी, वो 2022 में बढ़कर 445256 पहुंच गई. ये 2021 के मुकाबले चार प्रतिशत ज्यादा है. अब इसमें अगर हम बात करें तो 31 प्रतिशत अपराध के या तो पति शामिल था या फिर उसके रिश्तेदार. जबकि 19.2 प्रतिशत मामले महिलाओं के अपहरण और उन पर होने वाले हमले के हैं. उत्तर प्रदेश में महिलाओं से संबंधित सबसे अधिक अपराध सामने आए हैं. डेटा अनुसार यूपी में महिलाओं पर हुए जुल्म को लेकर 65,743 मामले दर्ज किए गए. वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां 45,331 और तीसरे स्थान पर राजस्थान का नंबर आता है जहां 45,058 मामले दर्ज किए गए.
महिलाओं से रेप के सबसे अधिक मामले राजस्थान में
एक तरफ जहां महिलाओं से जुड़े सबसे अधिक अपराध उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं. वहीं सबसे अधिक रेप के मामले राजस्थान में सामने आए हैं. जारी डेटा के अनुसार राज्य में बलात्कार के 5408 मामले सामने आए. वहीं दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है जहां 3692 और मध्य प्रदेश में 3046 केस दर्ज किए गए.
खुदकुशी के मामलों में भी हुई बढ़ोतरी
2021 में आत्महत्या के 164033 मामले थे, जबकि 2022 170924 यानी की करीब 6 हजार ज्यादा लोग ने मौत को गले लगाया. एनसीआरबी के अनुसार छात्रों के बीच आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. महाराष्ट्र में 378, मध्य प्रदेश में 277, झारखंड में 174 और कर्नाटक में 162 छात्रों ने जान दी है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में देश में 13,000 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की. जिनमें 18 वर्ष से कम उम्र के 10,000 से अधिक आत्महत्या के मामले शामिल हैं, जबकि 2,000 से अधिक छात्रों के लिए, परीक्षा में असफलता आत्महत्या का कारण थी.
साइबर अपराध में बढ़ोतरी
साल 2022 में 65893 मामले साइबर क्राइम के देश भर में दर्ज किए गए. 2021 में देश भर में 52974 मामले साइबर अपराध से जुड़े हुए दर्ज किए गए थे. यानी एक साल में 24.4% की वृद्धि. इनमें करीब 65 परसेंट मामले धोखाधड़ी के है. यानी 65893 मामलों में 42710 धोखाधड़ी के मामले हैं. जबकि 3648 मामले जबरन उगाही के हैं. साइबर क्राइम से निपटने के लिए कई जगहों पर साइबर क्राइम के लिए अलग यूनिट बनाई गई है. राजधानी दिल्ली में हर जिले में अलग साइबर थाने खोले गए हैं इसके अलावा स्पेशल सेल की IFSO यूनिट एक्सपर्ट मामलों की जांच करती है.
अचानक हो रही है मौत
इस साल ऐसे कई वीडियो और मोबाइल क्लिप सामने आए जिसमे कोई डांस कर रहा और अचानक से गिर जाता और उसकी मौत हो जाती है, कोई किसी प्रोग्राम शामिल है लोगों के बीच है अचानक भीड़ में से एक शख्स गिरता और मर जाता है. ऐसी कई वीडियो इस साल वायरल हुई. 2021 के मुकाबले 2022 में अचानक मौत की संख्या में 11.6 की बढ़ोतरी हुई है, जो बेहद चौकाने वाली है. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में 56653 अचानक मौत हुई. जिसमे 32410 मौतें दिल का दौरा पड़ने से, जबकि 24243 मौतें दूसरे कारणों से हुई. अचानक मरने वालों में सबसे अधिक मौतें 19456 , 45 से 60 आयु वर्ग के लोग थे.
निशाने पर बुजुर्ग
60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी 2022 में 2021 के मुकाबले 9.3 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 2021 में जहां 26110 मामले दर्ज किए गए थे वो 2022 में बढ़कर 28545 पहुंच गए.
व्हाइट कॉलर क्राइम
आर्थिक अपराध भी 2021 के मुकाबले बढ़े हैं. 2021 में जहां 174013 मामले दर्ज किए गए थे वो बढ़कर 2022 में 193385 तक पहुंच गए. अगर प्रतिशत में बात करें तो एक साल में 11.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
एससी (अनुसूचित जाति) के खिलाफ अपराध भी बढ़े
पिछले साल की तुलना में 2022 में सिड्यूल कास्ट के खिलाफ होने वाले अपराध भी बढ़े हुए नजर आए. 2021 में जहां देश भर कुल 50900 मामले दर्ज किए गए थे, वो 2022 में बढ़कर 57582 पहुंच गया. एसटी(अनुसूचित जनजाति) के खिलाफ भी अपराध बढ़े हैं. 2021 जहां कुल 8802 मामले दर्ज किए गए थे वो 2022 में बढ़कर 10064 पहुंच गए.
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