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लाल सागर में हूती विद्रोहियों ने दागे ड्रोन, एंटी-शिप मिसाइल, अमेरिका ने मार गिराया

नई दिल्ली:

यमन के हूती विद्रोही लाल सागर पर गुजरने वाले जहाजों को लगातार निशाना (Houthi Rebels In Red Sea) बना रहे हैं. वहीं अमेरिका अब हूती विद्रोहियों के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. अमेरिकी युद्धपोत ने गुरुवार को एक बार फिर से ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों द्वारा दागे गए एक ड्रोन और एक जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइल को मार गिराया, यह जानकारी अमेरिकी सेना ने दी. इससे दो दिन पहले भी अमेरिका ने कुछ ऐसा ही किया था. पेंटागन ने मंगलवार को बताया कि अमेरिकी सैन्य बलों ने लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागे गए एक दर्जन से अधिक हमलावर ड्रोन और कई मिसाइलों को मार गिराया.

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लाल सागर में हूती विद्रोहियों का आतंक

हूती विद्रोही व्यापार की दृष्टि से अहम लाल सागर शिपिंग लेन में जहाजों को बार-बार हमलों से निशाना बना रहे हैं, उनका कहना है कि वे गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में हैं, जहां इज़रायल आतंकवादी समूह हमास से लड़ रहा है. यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने एक गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा, “यूएसएस मेसन (डीडीजी 87) ने दक्षिणी लाल सागर में एक ड्रोन और एक एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल को मार गिराया, जिसे हूथियों ने दागा था.” 

सेंटकॉम ने कहा कि क्षेत्र में 18 जहाजों में से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ या किसी के घायल होने की सूचना नहीं है.”  अक्टूबर के मध्य के बाद से हूथियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शिपिंग पर हमले का यह 22वीं कोशिश थी. ये हमले उस रास्ते को खतरे में डाल रहे हैं, जिस रास्ते से वैश्विक व्यापार का 12 प्रतिशत तक आवागमन होता है. लेकिन इस रास्ते को हूतियों द्वारा निशाना बनाए जाने के बाद अमेरिका लाल सागर शिपिंग की सुरक्षा के लिए इस महीने की शुरुआत में एक बहुराष्ट्रीय नौसैनिक टास्क फोर्स स्थापित करने के लिए प्रेरित हुआ. 

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हूती को समर्थन देने वाले एक नटवर्क पर प्रतिबंध

अमेरिकी सैन्य कार्रवाई के अलावा, ट्रेजरी विभाग ने हूती हमलों को पालने-पोषने में शामिल एक नेटवर्क के खिलाफ गुरुवार को प्रतिबंधों का समर्थन किया. ट्रेजरी ने कहा कि उसने यमनी राजधानी सना में करेंसी एक्सचेंजर्स एसोसिएशन के प्रमुख के साथ-साथ यमन और तुर्की में तीन एक्सचेंजों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जो हूथियों के लिए “ईरानी वित्तीय सहायता को सुविधाजनक बनाने” बना रहे थे. बता दें कि यमन के हूती विद्रोहियों का कहना है कि वे गाजा पट्टी में हमले को रोकने के लिए इजरायल और इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं. 

बता दें कि हूती विद्रोहियों के हमलों की वजह से शिपिंग और तेल कंपनियों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. शिपिंग कंपनियों के साथ साथ बीपी जैसी तेल कंपनियों ने भी लाल सागर के रास्ते अपने तेल टैंकरों को भेजना फिलहाल रोक दिया है. माल ढुलाई वाले जहाजों और तेल टैंकरों को रोके जाने या फिर उन्हें दूसरे रास्ते से भेजने का मतलब ढुलाई में ज्य़ादा खर्च और आपूर्ति में देरी का होना है. लाल सागर को छोड़कर अन्य वैकल्पिक मार्ग लेने के लिए जहाजों को अफ्रीका घूमकर केप टाउन होकर आना होगा. इससे माल ढुलाई में लगने वाला समय तो 15 दिन बढ़ेगा ही साथ ही इससे तेल ढुलाई की कीमतें भी बढ़ जाएंगी. गोल्डमैन का आकलन है कि प्रति बैरल कच्चा तेल ढोने पर एक डॉलर और रिफाइंड प्रोडक्ट ढोने पर चार डॉलर एक्स्ट्रा लगेंगे.

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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