दिल्ली शराब नीति केस में कैसे आया CM केजरीवाल का नाम? ED ने लगाए कौन से आरोप
नई दिल्ली:
दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को शराब नीति मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से शुक्रवार को कोई राहत नहीं मिली. देर शाम ईडी (ED) की टीम वारंट के साथ अरविंद केजरीवाल के घर पहुंच गई. अब सवाल उठता है कि अरविंद केजरीवाल की शराब पॉलिसी मामले में भूमिका क्या थी और ED ने कौन से आरोप लगाए हैं?
यह भी पढ़ें
ईडी ने यह कहा…
हाल ही में ईडी ने एक प्रेस नोट जारी कर शराब नीति मामले में बीआरएस की नेता के कविता को साजिशकर्ता बताया. ईडी ने कहा कि के कविता ने अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर साजिश की. शराब नीति में बदलाव करवाए और फिर उसे अपनी तरह से लागू कराया. इसके बदले में साउथ की शराब लॉबी ने आम आदमी पार्टी को एकमुश्त 100 करोड़ रुपये दिए. इसके बाद शराब के थोक कारोबार में जो कमीशन 12 परसेंट किया गया, उसमें से 6 परसेंट वापस AAP को भेजा गया. केजरीवाल का नाम कुछ आरोपियों और गवाहों के बयानों में आया. इसका जिक्र एजेंसियों ने अपने रिमांड नोट और चार्जशीट में किया है.
विजय नायर ने खोले राज
शराब पॉलिसी में आरोपी विजय नायर का मुख्यमंत्री कार्यालय में पूरी तरह आना जाना था और वो ज्यादातर समय वहीं बिताता था. वह मुख्यमंत्री केजरीवाल से काफी बात करता था. विजय नायर ने कई शराब कारोबारियों को बताया कि वो शराब पॉलिसी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से चर्चा करता है. विजय नायर ने ही इंडोस्प्रिट के मालिक समीर महेंद्रू की मुलाकात अरविंद केजरीवाल से करवाई. जब मुलाकात सफल नहीं हुई तो उसने अपने फोन से फेस टाइम एप पर वीडियो कॉल के जरिए समीर महेंद्रू और अरविंद केजरीवाल की बात करवाई. बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने कहा की विजय नायर अपना बच्चा है, उस पर विश्वास करें और सहयोग करें.
राघव मगुंटा ने यह कहा…
साउथ की शराब लॉबी से पहले आरोपी और अब गवाह राघव मगुंटा ने बताया कि उसके पिता YSR कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलू रेड्डी (एमएसआर) ने दिल्ली शराब पॉलिसी के बारे में और ज्यादा जानने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी. केजरीवाल ने दिल्ली में शराब के कारोबार के लिए उनका स्वागत किया था.
पूर्व सचिव ने ये आरोप लगाए
मनीष सिसोदिया के पूर्व सचिव सी अरविंद ने 7 दिसंबर 2022 को अपने बयान में बताया कि मार्च 2021 में उन्हें मनीष सिसोदिया से एक ड्राफ्ट रिपोर्ट ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) मिली. जब मनीष सिसोदिया के बुलाने पर वो अरविंद केजरीवाल के घर गए तो वहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे. ये डॉक्यूमेंट उन्होंने पहली बार देखा था क्योंकि GOM कि किसी मीटिंग में ऐसे किसी प्रपोजल पर चर्चा नहीं हुई थी और इसी डॉक्यूमेंट के आधार पर उन्हें एक GOM रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया. इस रिपोर्ट में शराब का थोक कारोबार निजी लोगों को देने की बात थी.