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"मजबूत सुरक्षा भेदकर हमास आतंकी इजरायल में घुसे कैसे?": सेना के पूर्व डीजी आर के साहनी

हमास-इजरायल युद्ध

हमास के आतंकी सख्त सुरक्षा वाली इजरायल (Israel Gaza War) की सीमा में कैसे दाखिल हुए यह सवाल ज्यादातर लोगों के मन में है. एनडीटीवी की टीम ने इस सवाल के जवाब के लिए पश्चिम एशिया के जानकर और सेना के पूर्व डीजी मिलेट्री इंटेलिजेंस रहे लेफ्टिनेंट जनरल आर के साहनी से  बातचीत की है. आरके साहनी भी इस बात से हैरान हैं कि आखिर पुख्ता सुरक्षा होने के बाद भी हमास के लड़ाके इजरायल में घुसे कैसे? उन्होंने कहा कि यह सोचने की बात है कि  इजरायलियों ने गाजा के आगे जो फेंसिंग बनाई थी यह बहुत कॉम्प्लिकेटेड थी, जिसके अंदर सेंसर लगे थे, रडार थे कैमरा थे और थोड़ी दूर पोस्ट भी थी जो की निगरानी रख रही थी.

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‘हमास के आतंकी इजरायल में कैसे घुसे, जांच का विषय’

जनरल आरके साहनी ने कहा कि इन सब चीजों के होते हुए भी हमास के आतंकी अंदर आ गए तो यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा मुझे पक्का यकीन है कि इजरायली इसकी तह तक जरूर जाएंगे लेकिन यह मानकर चलिए कि हमास का अटैक अमेरिका में 9/11 हमले जैसा ही है. उन्होंने कहा कि जब तक यह मामला सैटल न हो जाए तब तक यह कहना जल्दबाजी होगी कि हमास ने हमला कैसे किया और क्यों किया. मामला सेटल होने के बाद इसकी इन्वेस्टिगेशन होगी. उन्होंने कहा कि लेकिन यह सोचने की बात है टेक्निकली साउंड होने के बाद भी इस तरह का   सरप्राइज हो तो इस तरह का सिस्टम रखने वाले सभी मुल्कों को सोचना  पड़ेगा.

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 सेना के पूर्व डीजी मिलेट्री इंटेलिजेंस रहे लेफ्टिनेंट जनरल आर के साहनी ने हमास के हमलों की निंदा की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भी इजराइलियों के साथ सहानभूति जताई है. इन हमलों में हजार से ज्यादा नागरिक मारे गए हैं, यह बहुत ही निंदनीय है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. हमास ने 100 से ज्यादा लोगों को बंदी बना लिया है. उसके बाद जो हो रहा है उसको भी देखना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन दिन से अब जो मोबिलाइजेशन हो रहा है और गाजा इलाके में हवाई हमला हो रहा है, इससे नागरिकों को काफी नुकसान हो रहा है. इस इलाके में भारी नुकसान हुआ है. जनरल साहनी ने कहा कि इसका असर काफी लंबे समय तक रहेगा. 

‘अरब-इजरायल डील पर होगा युद्ध का असर’

जनरल साहनी ने कहा कि अरब देशों ने इजरायल के साथ जो समझौता किया था, सऊदी अरब इजरायल और अमेरिका ने जो कॉरिडोर बनाने का प्लान बनाया था, उस पर इस युद्ध का बहुत असर पड़ेगा. पहले अरब देशों ने सोचा था कि फिलिस्तीन का मसला हल किए बिना इजरायल के साथ संबंध बढ़ा देंगे उनको अब फिर से सोचना होगा. उन्होंने कहा कि उनको लगता है कि इजरायल हमास पर आसानी से काबू पा लेगा लेकिन उसके बाद जो इंप्लीकेशन होगा उसको लेकर सोचना पड़ेगा.

जनरल साहनी ने कहा कि हम यह सोचकर बैठे थे कि मिडिल ईस्ट सेटल हो गया है. व्यापार कॉरिडोर बनने शुरू हो जाएंगे. अरब देशों ने इजरायल से बातचीत करनी शुरू कर दी. सऊदी अरब के इजरायल से संबंध बनने शुरू हो गए थे. हालांकि ईरान ने कहा है कि उसका सीधा इससे कोई संबंध नहीं है, लेकिन उसके यहां मौजूद हिज्बुल्लाह इजरायल पर हमले कर रहा है. इसका प्रभाव पूरे रीजन पर पड़ेगा. इसका ग्लोबल इंप्लीकेशन भी होगा.

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‘भारत को भी सबक लेने की जरूरत’

जनरल साहनी ने कहा कि इस संघर्ष से हमको सीखने की जरूरत है. जब भी कोई आतंकी हमला होता है तो उससे हमेशा सबक लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत पर भी कई तरह के खतरे हैं. हमें अपने सिस्टम को दोबारा बारीकी से देखना पड़ेगा कि कहीं कोई चूक वाली बात तो नहीं है. जनरल साहनी ने कहा कि इसके बारे में ओवर कॉन्फिडेंट होना डिजास्टर है. यही बात इजरायली भी सोच रहे होंगे कि उन्होंने एक सिस्टम लगा दिया है तो वह खतरे से मुक्त हो गए हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता है. उन्होंने कहा कि हमेशा इसके लिए चौकन्ना रहना पड़ेगा औऱ इसके लिए देखभाल करनी पड़ेगी.

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