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कैसे किया दुनिया को चौंकाने वाला महाकुंभ जैसा महाआयोजन, CM योगी आदित्यनाथ ने खोला राज


लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को The Hindkeshariके ‘महाकुंभ संवाद’ में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में उन्होंने प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन के लिए की गई तैयारियों को विस्तार से बताया. उन्होंने विस्तार से इस बात की जानकारी दी कि महाकुंभ के आयोजन से पहले प्रयागराज में विकास के कौन-कौन से काम करवाए गए. 

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प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन के लिए अपनी बदली हुई भाषा के सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिसकी समझ न हो उसके लिए मैं कहां से दोषी हूं.मैं पहले भी यही मानता और आज भी मानता हूं कि सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है.उन्होंने कहा कि पंथ, संप्रदाय, जाति अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन धर्म एक है. वह सनातन धर्म है. कुंभ सनातन धर्म का एक पर्व है.

प्रयागराज में बही विकास की गंगा

महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रयागराज में कराए गए विकास कार्यों के बारे में योगी आदित्यनाथ ने विस्तार से बताया.

  • प्रयागराज में मेला क्षेत्र का विस्तार किया गया
  • ट्रैफिक, पार्किंग, श्रद्धालुओं को ज्यादा दूरी तय न करना पड़ा, इसका ध्यान रखा गया.
  • प्रयागराज सिटी का एक व्यवस्थित विकास की कार्ययोजना को आगे बढ़ाया गया.
  • रेलवे और एयर कनेक्टिविटी का विकास किया गया.
  • हजारों वर्ष पहले मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद पुष्पक विमान से प्रयागराज में महर्षि भारद्वाज का दर्शन करने उतरे थे, इन हजारों सालों में एक सिविल टर्मिनल सरकारें प्रयागराज को नहीं दे सकीं. साल 2019 में पहली बार सिविल टर्मिनल प्रयागराज में बना.
  • प्रयागराज की करीब 150 से अधिक सड़के ऐसी थीं, जिनको सिंगल लेने से डबल और डबल लेन से फोर लेन में बदला गया.
  • 15 से अधिक फ्लाईओवर और अंडरपास का कायाकल्प किया गया.
  • पहले शौचालय को बालू में धंसा दिया जाता था. पूरे मेले में दुर्गंध रहती थी. लेकिन इसे बदला गया. नदी में एक बूंद गंदे पानी का प्रवाह नहीं हुआ है.
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस सदी के महाकुंभ का आयोजन आने वाली पीढियों के लिए अविस्मरणीय होगा. उन्होंने कहा कि इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो विजन दिया था, उसे पूरी प्रतिबद्धता के साथ जमीना धरातल पर उतारकर ऐसी व्यवस्थाएं की गईं. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि वहां अब तक 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु वहां पुज्य संतों के सानिध्य में मां गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पुण्य हासिल किया है.


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