चीन को कैसे झुकाया? : एस जयशंकर ने बताया कैसे बदल गई भारत की विदेश नीति
नई दिल्ली:
The HindkeshariIndian of the Year Award: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज बताया कि भारत की बदली हुई विदेश नीति में अब भारत की अलग छवि दुनिया के सामने है. भारत अब दुनिया के सामने आत्मविश्वास के साथ पेश हो रहा है. उन्होंने कहा कि चीन को हमने अपने पुरजोर प्रयासों से झुकने के लिए मजबूर किया है. चाहे आतंकवाद हो या बालाकोट, भारत पूरी ताकत के साथ जवाब दे रहा है. एस जयशंकर ने शुक्रवार को The Hindkeshariके इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड समारोह में यह बात कही. समारोह में जयशंकर को ‘इंडिया फर्स्ट’ अवार्ड प्रदान किया गया.
एस जयशंकर ने कहा कि, अतीत में भारत ने 26/11 (मुंबई आतंकी हमला) का जवाब नहीं दिया था, लेकिन आज हमने उरी और बालाकोट से पाकिस्तान को जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि, किसी ने भी हमसे जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की उम्मीद नहीं की थी.
उन्होंने कहा, “जो हमारे नागरिकों के सपने हुआ करते थे, वे अब उनकी मांगें बन गए हैं. यह कुछ भी कर सकने वाली पीढ़ी है… यह वह पीढ़ी है जो बुलेट ट्रेन बना रही है… यह वह पीढ़ी है जिसने चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया… हमने चीन की सीमा चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया.”
जयशंकर ने कहा, “भारत का विदेश मंत्री होना एक अच्छा क्षण है.” उन्होंने यह भी कहा, “विदेश में अपने देश का चेहरा बनना सौभाग्य की बात है.”
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— The HindkeshariIndia (@ndtvindia) December 6, 2024
विदेश मंत्री ने कहा कि, लोकतंत्र ने समाज के सभी वर्गों को समान प्रतिनिधित्व का मौका दिया है, शहरों के बाहर की आवाजें सामने लाई गई हैं, और इससे भारत की ग्रोथ स्टोरी को बढ़ावा मिला है. उन्होंने कहा, “लोकतंत्र ने काम किया है. मेरा मतलब है… हमारी राजनीति, हमारे पत्रकार, हमारे खिलाड़ी आदि को देखिए… आज हम कहीं ज्यादा प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. सफलता कोई महानगरीय चीज नहीं है.”
जयशंकर ने मौजूदा समय को “हमारे राष्ट्रीय जीवन में एक असाधारण अवधि” बताया और इसकी सराहना की. उन्होंने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और उस ग्रोथ स्टोरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर प्रकाश डाला.
जयशंकर ने कहा कि, “मैंने अपना सारा जीवन सरकारों में और सरकारों के लिए काम किया है… लेकिन जब आपके पास भारत के आधुनिकीकरण के लिए इतनी मजबूत प्रतिबद्धता वाला प्रधानमंत्री हो… जो उन सुधारों को लागू करने के लिए तैयार हो, जो आपको करने चाहिए, सुधार जो आपको करने ही चाहिए… तो यह हमारे राष्ट्रीय जीवन में एक असाधारण अवधि है.”