रतन टाटा की विनम्रता और याददाश्त का मैं कायल, कुणाल ने सुनाई उनसे मुलाकात की कहानी
The Hindkeshariवर्ल्ड समिट में देश-विदेश के दिग्गज पहुंचे. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्नैपडील के को-फाउंडर कुणाल बहल ने इस समिट में रतन टाटा से अपनी मुलाकात को याद किया. कुणाल ने बताया, ‘मेरी रतन टाटा से पहली बार 2014 में मुलाकात हुई थी. मैं उनसे दक्षिण मुंबई के उनके ऑफिस में मिला था. इस दौरान हमारी छोटी सी ही बातचीत हुई, जिसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे तुम्हारा आइडिया पसंद आया और मैं तुम्हारी कंपनी में इंवेस्ट करना चाहता हूं. वह रतन टाटा थे, वे ये भी कह सकते थे कि मैं तुम्हारी कंपनी में इंवेस्ट करूंगा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं कहा. मैं चाहता था कि वह हमारी कंपनी में इंवेस्ट करें.’
कुणाल ने बताया, “जब हमारी मीटिंग खत्म हुई, तो रतन टाटा ने पूछा- क्या आपका कोई सवाल है? इस पर मैंने कहा- मैं चाहता हूं कि आप एक बार मेरे दिल्लीवाले ऑफिस आएं और मेरे साथियों से मिलें. उन्होंने कहा कि वह जरूर दिल्ली आएंगे और उनसे मिलेंगे. इसके बाद वह कई कामों में व्यस्त हो गए. कुछ साल गुजर गए और हम कोरोना के बाद एक शादी के दौरान मिले. मैं उनके पास गया, मुझे लगा कि शायद उन्हें हमारे बारे में याद नहीं होगा. लेकिन उन्होंने कहा कुणाल मुझे याद है कि मैंने तुम्हारे दिल्ली वाले ऑफिस में आने का वादा किया था.”
बहल ने कहा कि 2014 का वादा उन्हें इतने सालों बाद भी याद था. मैं उनकी याददाश्त और विनम्रता का कायल हो गया. वह एक शानदार इंसान थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप के लिए बहुत काम किया है. स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया है. मैंने 2007 में अपनी जर्नी शुरू की थी. 23 साल की उम्र में मैंने बिजनेस करने के बारे में सोचा था. तब स्टार्टअप जैसा कोई कॉन्सेप्ट नहीं था. तब आपके सामने 2 ही रास्ते होते थे, नौकरी कीजिये या फिर व्यापार.
कुणाल ने कहा कि स्टार्टअप शब्द 2015 में सामने आया, जब स्टार्टअप इंडिया कैंपेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया. इसके कारण स्टार्टअप को एक पहचान मिली. इसके बाद माता-पिता को इस बात से सदमा नहीं लगता था कि उनका बेटा आईआईटी की पढ़ाई करने के बाद कोई जॉब न करके अपना बिजनेस शुरू करने के बारे में कहता था.
कुणाल बहल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्नैपडील के को-फाउंडर हैं. कुणाल ने कई कंपनियों में पैसा निवेश किया हुआ है. दिल्ली में पैदा हुआ कुणाल ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली से ही पूरी की है. बाद में कुणाल ने हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया ये पूरी की. कुणाल ने दो बार ग्रेजुएशन की है यानी उनके पास दो अलग-अलग सब्जेक्ट में बैचलर डिग्री है. कुणाल ने अमेरिका के केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एग्जीक्यूटिव मार्केटिंग में भी पढ़ाई की है. इसका उद्देश्य अपनी बिजनस स्किल्स को निखारना था. रिपोर्ट्स की माने तो उनकी नेटवर्थ लगभग 2 हजार करोड़ रुपये है.