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ISIS में शामिल होने जा रहा था IIT-गुवाहाटी का छात्र, असम पुलिस ने किया गिरफ्तार

छात्र ने ईमेल और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ISIS में शामिल होने की इच्छा जताई थी.

नई दिल्ली:

असम के हाजो में शनिवार को कथित तौर पर आईएसआईएस में शामिल होने की इच्छा रखने वाले आईआईटी-गुवाहाटी के एक छात्र को हिरासत में लिया गया है. चौथे वर्ष के बायोटेक्नोलॉजी छात्र ने हाल ही में एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ईमेल पर दावा किया कि वह आतंकवादी संगठन में शामिल होने का इरादा रखता है और आईआईटी-गुवाहाटी परिसर से गायब हो गया.

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आईआईटी गुवाहाटी छात्र से जुड़ी यह जानकारी, आईएसआईएस इंडिया के प्रमुख हारिस फारूकी की कथित तौर पर बांग्लादेश से सीमा पार करने के बाद धुबरी जिले में गिरफ्तारी के ठीक बाद आई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के रहने वाले छात्र ने लिंक्डइन पर अपने फैसले का कारण बताते हुए ओपन लेटर लिखा था, जिसके बाद उसके लिए लुकआउट अलर्ट जारी किया गया था. वह गुवाहाटी से लगभग 30 किलोमीटर दूर कामरूप जिले के हाजो में पाया गया और उसे पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है. 

जब पुलिस ने आईआईटी-गुवाहाटी की अथोरिटी से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि छात्र लापता है और उसका फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है. एक्स पर पुलिस महानिदेशक जेपी सिंह ने लिखा, “आईआईटी गुवाहाटी के छात्र के आईएसआईएस के साथ जुड़ने का संदर्भ – उक्त छात्र को यात्रा के दौरान हिरासत में लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.”

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) कल्याण कुमार पाठक ने कहा, “एक ईमेल प्राप्त होने के बाद, हमने चीजों की प्रामाणिकता की पुष्टि की और जांच शुरू की. “यह ईमेल छात्र ने भेजा था, जिसमें उसने दावा किया था कि वह आईएसआईएस में शामिल होने जा रहा है.”

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स्पेशल टास्क फोर्स के सूत्रों ने कहा कि उसे उसके हॉस्टल के कमरे में ले जाया गया जहां पुलिस ने आईएसआईएस के झंडे जैसा एक काला झंडा और एक इस्लामी पांडुलिपि बरामद की. पुलिस ने कहा, “वह अकेला था और परिसर में उसके कोई दोस्त नहीं थे”.

2019 से सक्रिय हारिस फारूकी को उसके साथियों के साथ बुधवार को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसका सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान पानीपत का रहने वाला है और उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है और उसकी पत्नी बांग्लादेशी नागरिक हैं. सूत्रों ने बताया कि फारूकी पर बांग्लादेश में छिपे होने और भारतीयों को कट्टरपंथी बनाने का संदेह था. उन्होंने झारखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक में मॉड्यूल स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला फारूकी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की वॉन्टिड लिस्ट में था.

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