पाकिस्तान : चुनाव में धांधली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, इमरान खान के समर्थक सुरक्षा बलों से भिड़े
पुलिस ने पहले चेतावनी दी थी कि वे अवैध सभाओं पर सख्ती से कार्रवाई करेंगे. विरोध प्रदर्शनों में किसी के घायल होने की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है.
निर्दलीय उम्मीदवारों, जिनमें से अधिकांश इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी से जुड़े हुए हैं, ने चुनाव में सबसे अधिक सीटें हासिल कीं. इससे सेना समर्थित सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-Nन) बहुमत से दूर रह गई है. हालांकि निर्दलीय सरकार नहीं बना सकते हैं. ऐसे में संभव है कि देश को कई हफ्तों तक राजनीतिक अनिश्चितता का सामना करना पड़े. प्रतिद्वंद्वी दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है.
पीटीआई के नेताओं का दावा है कि अगर वोटिंग में धांधली नहीं होती तो वे और भी अधिक सीटें जीतते.
नेशनल असेंबली के चुनाव के दिन मोबाइल टेलीफोन बंद होंने और धीमी गति से वोटों की गिनती के कारण यह संदेह पैदा हुआ कि सैन्य प्रतिष्ठान पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन को जिताने के लिए चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है.
पीटीआई के अध्यक्ष गौहर अली खान ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पूरे पाकिस्तान में चुनावों में बारीकी से हेरफेर किया गया.” उन्होंने समर्थकों से रविवार को “शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन” करने का आह्वान किया.
अधिकारियों ने चेतावनी दी कि धारा 144 का आदेश लागू होने से वे सख्त कार्रवाई करेंगे. रविवार को इस्लामाबाद पुलिस ने एक बयान में कहा, “कुछ व्यक्ति चुनाव आयोग और अन्य सरकारी कार्यालयों के आसपास अवैध जमावड़े को उकसा रहे हैं.”
इसमें कहा गया, “गैरकानूनी सभाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सभाओं के लिए आग्रह करना भी एक अपराध है.”
इसी तरह की चेतावनी रावलपिंडी में भी जारी की गई थी, जबकि लाहौर में लिबर्टी मार्केट के पास दंगा गियर से लैस दर्जनों पुलिस कर्मी इकट्ठे हुए थे.
रावलपिंडी में एएफपी स्टाफ ने देखा कि पुलिस ने दर्जनों पीटीआई समर्थकों की भीड़ पर आंसू गैस छोड़ी. पीटीआई समर्थकों ने निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव परिणाम घोषित करने वाले दफ्तर पर धरना बंद करने का आदेश मानने से इनकार कर दिया था.
लाहौर में करीब 200 पीटीआई समर्थकों की भीड़ तब तेजी से तितर-बितर हो गई जब पुलिस लाठियों के साथ आगे बढ़ी. स्थानीय मीडिया ने कहा कि दक्षिण में कराची में कई लोगों को हिरासत में लिया गया.