Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
दुनिया

चीन में एलन मस्क का दिल और पैसे दोनों लगा, क्या डोनाल्ड ट्रंप की बीजिंग नीति पर डालेंगे असर?


नई दिल्ली:

एक बात जो पत्थर की लकीर की तरह साफ नजर आ रही है, वह है अमेरिका में बनी डोनाल्ड ट्रंप की नई सरकार में बिलेनियर एलन मस्क का प्रभाव. दुनिया का सबसे अमीर शख्स दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति के न सिर्फ साथ है, बल्कि उसके बहुत करीब भी है. वह बिना किसी ऑफिशियल पद के कैबिनेट की मीटिंग में शामिल होता है, उसे सरकारी फिजूलखर्ची रोकने के लिए बनाए गए डिपोर्टमेंट, DOGE का हेड बना दिया गया है. एलन मस्क अमेरिका के सरकारी कर्मचारियों को ईमेल भेजकर काम का हिसाब मांग रहे हैं. वो इस तरह ट्रंप के सबसे करीबी सहयोगी बन गए हैं कि उपराष्ट्रपति से भी अधिक पॉलिटिकल इंफ्लूएंस उनका नजर आ रहा है.

ऐसे में एक मोर्चा ऐसा भी है जिसपर सब यह देखना चाहते हैं कि एलन मस्क कैसे ट्रंप को प्रभावित कर सकते हैं, वह है चीन. चीन पर अमेरिकी संसद की चयन समिति के नेताओं ने चेतावनी तक दे दी है कि चीन एलन मस्क के जरिए अनुकूल अमेरिकी नीतियों को हासिल करने की कोशिश कर सकता है. इन नेताओं का कहना है कि अमेरिका को ऐसे किसी भी प्रयास का मुकाबला करना चाहिए.

क्या यह डर जायज है? क्या सच में एलन मस्क चीन से जुड़े अपने हितों को साधने के लिए ट्रंप की बीजिंग नीति को प्रभावित करेंगे? इसको समझने के लिए हमें पहले यह समझना होगा कि चीन में एलन मस्क के हित कैसे जुड़े हुए हैं.

(डोनाल्ड ट्रंप की पहली कैबिनेट में एलन मस्क भी शामिल हुए)
Photo Credit: एएफपी

एलन मस्क, टेस्ला और चीन…. आपस में जुड़ी कड़ी

कई सालों से चीन में एलन मस्क के महत्वपूर्ण व्यावसायिक हित रहे हैं. एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी, टेस्ला की फैक्ट्री शंघाई में है. यह फैक्ट्री कंपनी के वैश्विक ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, अमेरिका में स्थित कई फैक्ट्रियों से भी अधिक.

यह भी पढ़ें :-  रूस-यूक्रेन जंग रुकवाने का प्लान कितना पुख्ता? ट्रंप से मुलाकात के बाद मैक्रों ने किया बड़ा खुलासा

साल 2019 में उद्घाटन के बाद से, टेस्ला के शंघाई प्लांट ने अपने आकार और उत्पादकता (प्रोडक्टिविटी), दोनों में टेस्ला की फ्रेमोंट, कैलिफोर्निया प्लांट को पीछे छोड़ दिया है. अब कंपनी की कुल वैश्विक डिलीवरी में से आधे से अधिक इसी प्लांट से होती है. टेस्ला के मुनाफे के अधिकांश हिस्से के लिए यह प्लांट ही जिम्मेदार है.

टेस्ला अपने बैटरी सप्लाई चेन के लगभग 40 फीसद हिस्से के लिए चीनी कंपनियों पर निर्भर है. ये साझेदारियां आगे बढ़ ही रही हैं. ‘द कन्वर्सेशन’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक टेस्ला पहली कार बनाने वाले ऐसी विदेशी कंपनी थी जिसे लोकल पार्टनर के बिना चीन में फैक्ट्री लगाने की अनुमति दी गई थी.

शंघाई में फैक्ट्री लगाने के लिए चीन के सरकारी बैंकों से अनुकूल ब्याज दरों पर टेस्ला को 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन भी मिला. 2019 से 2023 के बीच तो टेस्ला से चीनी सरकार ने केवल 15% कॉर्पोरेट टैक्स लिया जबकि स्टैंडर्ड टैक्स रेट 25% है. टेस्ला के लिए चीन में प्लांट लगाना फायदे का सौदा है. यहां प्रोडक्शन कॉस्ट से लेकर मजदूरी रेट तक, सब सस्ता है. 

11 फरवरी 2025 को ही कंपनी ने शंघाई में अपनी दूसरी फैक्ट्री खोली है. यह प्लांट 200 मिलियन डॉलर का है. यह सालाना 10,000 मेगापैक बैटरी का उत्पादन करने के लिए तैयार है. यह अमेरिका के बाहर टेस्ला की पहली मेगापैक बैटरी फैक्ट्री है.

कुल मिलाकर टेस्ला का चीन से पूरा कनेक्शन है और एलन मस्क का टेस्ला से. मस्क की संपत्ति काफी हद तक टेस्ला के स्टॉक से जुड़ी हुई है. इस वजह से उनकी वित्तीय स्थिति चीन में कंपनी की किस्मत पर निर्भर होती जा रही है. अगर अमेरिका किसी भी तरह से चीन से दूरी बनाता है और उसके लिए आर्थिक प्रतिबंध लगाता है तो मस्क के लिए आर्थिक और रणनीतिक, दोनों रूप से चुनौती बढ़ जाएगी.

यह भी पढ़ें :-  'मैं टकरा गया, मैं नीचे जा रहा हूं...' यूक्रेन के ड्रोन ने पहली बार रूस के हेलीकॉप्टर को किया नष्ट

चीन की जुबान बोलते रहे हैं एलन मस्क

चीन के लिए एलन मस्क की तारीफें किसी सी छिपी नहीं हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई पोस्ट में मस्क ने चीन की तारीफ करते रहे हैं. अमेरिका के वर्कर्स को आलसी बताने वाले मस्क चीन के वर्कर्स की तारीफ करते हैं. अपने फॉलोवर्स से चीन घूमने को कहते हैं. मस्क ने चीन से अलग होने की अमेरिका की कोशिशों का भी विरोध किया है. उन्होंने दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को ‘जुड़वां’ बताया है.

खास बात है कि ताइवान के मुद्दे पर भी मस्क चीन की भाषा बोलते नजर आते हैं, जबकि यह मुद्दा अमेरिका और चीन के बीच विवाद के सबसे बड़े मुद्दों में से एक है.

एक इंटरव्यू में मस्क ने ताइवान की तुलना हवाई से की है. तर्क दिया है कि ताइवान चीन का अभिन्न अंग है. अमेरिका ने चीन को बलपूर्वक ताइवान को अपने में मिलाने को रोका है. मस्क की इस बात की तारीफ अमेरिका में उस समय के चीनी राजदूत ने भी की थी.

क्या मस्क साबित होंगे चीन के दोस्त?

मस्क के व्यापारिक हित किस तरह से चीन से जुड़े हैं, यह चीन को अच्छे से पता है. और चीन इसका फायदा उठा सकता है. ट्रंप के साथ मस्क के घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए चीन चाहेगा कि प्रमुख रणनीतिक महत्व के मुद्दों पर रियायत देने के लिए मस्क ट्रंप पर दबाव बनाए. चीन में मस्क की स्पेस रॉकेट-सैटेलाइट बनाने वाली कंपनी स्पेस एक्स बैन है. मस्क का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी चीन में बैन है. चीन उन्हें ये बैन हटाने का लालच दे सकता है या फिर टेस्ला पर पाबंदी लगाने का दबाव भी बना सकता है. यानी तमाम विकल्प उसके पास हैं.

यह भी पढ़ें :-  ट्रंप अपनी नई सरकार में भी 2020 वाले कार्यकाल के फैसलों को करेंगे लागू, जानें इनमें क्या-क्या है शामिल

राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को डोनेशन के रूप में सबसे अधिक पैसा मस्क ने ही दिया था. वो पैसा ट्रंप को कंधे पर बोझ भी लग सकता है. अब देखना यह होगा कि एलन मस्क ट्रंप पर अपने इन्फ्लुएंस का कैसा इस्तेमाल करते हैं. खासकर उस समय जब खुद एलन मस्क पर चीन का इन्फ्लुएंस है.

ये भी पढ़ें: तुर्की: 47 साल गुरिल्ला युद्ध लड़ा, अब हथियार छोड़ने की अपील.. कुर्दिस्तान का सपना देखने वाले नेता की कहानी


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button