15 लाख के बदले डमी कैंडिडेट बन दिया एग्जाम, 10 गिरफ्तार, जानें क्या है NEET पेपर लीक का झालावाड़ कनेक्शन

NEET परीक्षा में बड़ी धांधली
कहा जा रहा है कि इस मामले में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों के साथ छात्राएं भी शामिल है. इन पर लाखों रुपए लेकर डमी कैंडिडेट के रूप में एग्जाम देने का आरोप है. बता दें कि इससे पहले भी राजस्थान के अन्य मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले मेडिकोज के इस तरह से डमी कैंडिडेट के रूप में नीट परीक्षा देने के मामले सामने आते रहे हैं.
15 लाख रुपए के बदले बने डमी स्टूडेंट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के जिन छात्रों का नाम इस मामले से जुड़ा है और जिनकी गिरफ्तारी हुई है वह सभी हर पेपर के बदले 15 लाख रुपए लेकर डमी कैंडिडेट बने थे.
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज मामले को छुपाता रहा
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस मामले पर लंबे समय तक कोई जानकारी शेयर नहीं की. मेडिकल कॉलेज के डीन और अन्य अकैडमी अधिकारियों से जब इस मामले पर पूछताछ की गई तो वह लगातार मामले को टालते रहे. मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का मामले को छुपाया जाना भी अपने आप में कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है. कहा जा रहा है कि इस मामले में आगे भी जांच हो तो कहीं और के तार यहां से जुड़ सकते हैं.

झारखंड से लेकर झालावाड़ तक, नीट पेपर लीक के तार
नीट पेपर लीक का पूरा रैकेट झारखंड से लेकर बिहार के बीच फैला हुआ था. पेपर रांची से हजारीबाग के बीच लीक हुआ, फिर पटना गया और वहां बांटा गया. पेपर लीक में इंटर स्टेट गैंग काम कर रहा था. बिहार की आर्थिक अपराध शाखा ने खुलासा किया था कि नीट के पेपर 30-40 लाख रुपये में बेचे गए. यह पेपर 34 अन्य उम्मीदवारों को दिए गए. पटना पुलिस को 5 मई को गड़बड़ी की जानकारी मिली थी.