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प्लेन में ब्लास्ट से सूराख, धड़ाधड़ गिरने लगे थे लोग.. ठीक 39 साल पहले हुआ क्या था?

2 अप्रैल का दिन विमानन इतिहास में एक ‘ब्लैक डे’ के साथ दर्ज है. आज से ठीक 39 साल पहले, 2 अप्रैल 1986 को अमेरिका की कंपनी TWA के पैसेंजर जेट प्लेन बोइंग 727 की एक सीट के नीचे रखा बम फट गया. रोम से काहिरा जा रही इस प्लेन में 11,000 फुट की ऊंचाई पर एक बड़ा सा सुराख हो गया और उस जगह पर बैठे चार लोग हवा के दबाव से प्लेन से बाहर गिर गए. इनमें 8 माह की एक बच्ची भी शामिल थी. पायलट ने बड़ी सावधानी से प्लेन को एथेंस में उतारकर बाकी यात्रियों की जान बचा ली लेकिन आजतक अमेरिका इस आतंकी हमले के लिए किसी को सजा नहीं दिला सका.

उस दिन क्या हुआ था?

जब बम विस्फोट हुआ था तो बोइंग 727 एथेंस के रास्ते में ग्रीस के ऊपर 11,000 फीट (3,350 मीटर) की ऊंचाई पर उड़ रहा था. ब्लास्ट से स्टारबोर्ड विंग के सामने एक खिड़की के नीचे 2 मी x 1 मी चौड़ा छेद हो गया. ऐसा पाया गया है कि विस्फोट 10F सीट के नीचे रखे बम के फटने की वजह से ही हुआ.

खुद को अरब रिवोल्यूशनरी सेल की एजेदीन कसम यूनिट कहने वाले एक समूह ने ब्लास्ट की जिम्मेदार ली और कहा कि उसके पिछले महीने (मार्च 1986) लीबिया के खिलाफ अमेरिकी बमबारी का बदला लेने के लिए उसने यह ब्लास्ट किया था. 

ब्लास्ट की वजह से जो छेद बना, उसके रास्ते 4 यात्री प्लेन के बाहर गिर गए. चार शव एथेंस से 140 किमी दूर दक्षिण-पश्चिम में एक स्थल से बरामद किए गए. इनमें से तीन एक ही ग्रीक-अमेरिकी परिवार से थे. इसके अतिरिक्त पुलिस को एक पुरुष यात्री का शव भी मिला, जिसकी पहचान कोलंबियाई मूल के अमेरिकी के रूप में की गई.

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बाकि बचे 118 यात्री और चालक दल बच गए. पायलट कैप्टन रिचर्ड पीटरसन ने एथेंस कंट्रोल टॉवर से बता करते हुए इमरजेंसी लैंडिंग की.

जांच में क्या पता चला?
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने शुरू में लेबनान में जन्मी फिलिस्तीनी महिला, माई एलियास मंसूर की पहचान की. तब वह अबू निदाल चरमपंथी समूह से जुड़ी एक संदिग्ध आतंकवादी थी, जो 1983 में एक पैन अमेरिकी विमान पर बमबारी करने के असफल प्रयास में शामिल थी. माई एलियास ने बोइंग 727 की इससे पहले की उड़ान में सीट 10F पर यात्रा की थी.  
हालांकि मंसूर ने इसमें किसी तरह हाथ होने से सख्ती से इनकार किया. दो साल की जांच के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि उसने माना कि मंसूर ने ही ज्ञात फिलिस्तीनी आतंकवादी कर्नल हवारी के आदेश पर ब्लास्ट किया था. हालांकि सच्चाई यह है कि बमबारी को अंजाम देने के लिए आज तक किसी को भी दोषी नहीं ठहराया गया है.

TWA ने 2001 में दिवालियापन के लिए आवेदन किया और अमेरिकन एयरलाइंस ने इसे अपने कब्जे में ले लिया.


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