इंडिया गठबंधन कड़ी चुनौती दे रहा है, भाजपा के काम नहीं आ रहा राम मंदिर मुद्दा : पृथ्वीराज चह्वाण
पश्चिमी महाराष्ट्र के सातारा में अपने गृह जिला कराड में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में चह्वाण ने इस धारणा को दूर करने की कोशिश की कि कांग्रेस को राज्य में महा विकास आघाडी (एमवीए) सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे में ‘‘उचित हिस्सा” नहीं मिला, लेकिन उन्होंने यह स्वीकार किया कि तीन दल शामिल होने के कारण बातचीत मुश्किल थी. कांग्रेस की प्रदेश चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख चह्वाण (78) ने कहा कि विपक्षी दल यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित हैं कि भाजपा विरोधी वोट विभाजित न हो.
उन्होंने कहा, ‘‘हम काफी हद तक (भाजपा विरोधी दलों को एक साथ लाने में) सफल रहे हैं, हालांकि ‘इंडिया’ गठबंधन उतना शक्तिशाली नहीं है जितना कि शुरुआत में सोचा गया था क्योंकि कुछ अहम दल हमारे साथ नहीं हैं.” उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन भाजपा को चुनौती देने में काफी हद तक सफल रहा है जो अपने गठबंधन के साझेदारों के साथ मिलकर 543 सदस्यीय लोकसभा में 400 से अधिक सीटें पाने की उम्मीद कर रही है.
चह्वाण ने उम्मीद जतायी कि चार जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे तो सभी हैरान रह जाएंगे, खासतौर से महाराष्ट्र में आश्चर्यजनक परिणाम आएंगे जहां उत्तर प्रदेश (80) के बाद लोकसभा की सबसे अधिक 48 सीटें हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘एमवीए महाराष्ट्र में काफी अच्छा प्रदर्शन करेगा और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन से कहीं अधिक सीट जीतेगा. नतीजे सभी को हैरान करेंगे.”
चह्वाण ने कहा कि वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) जैसी छोटी पार्टी केवल भाजपा विरोधी मत विभाजित करेंगी. उन्होंने दावा किया कि राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के लिए राजनीतिक रूप से काम नहीं आ रहा है इसलिए वह चिंतित है.” मतदाताओं की समस्याओं के बारे में चह्वाण ने कहा कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से आम नागरिक त्रस्त हैं.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पश्चिमी महाराष्ट्र में शिक्षित बेरोजगारों की दर काफी अधिक है. व्यापक पैमाने पर बेरोजगारी के कारण काफी आर्थिक असमानता है.” उन्होंने कहा कि एक और महत्वपूर्ण मुद्दा कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) है. उन्होंने कहा कि गन्ना और सोयाबीन उत्पादक बहुत खराब स्थिति में हैं क्योंकि इन सामान की बाजार दरें बहुत कम हैं. चह्वाण ने आरोप लगाया कि चूंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक साल तक चले आंदोलन के बाद 2021 में तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करना पड़ा था इसलिए वह ‘‘किसान विरोधी” नीतियां अपना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि लोग इस बात को लेकर भाजपा से नाराज हैं कि उसने कैसे शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को बांटा और जून 2022 में एमवीए सरकार को सत्ता से बेदखल किया. उन्होंने कहा कि शिवसेना और राकांपा में फूट डालने के बाद कांग्रेस को भी तोड़ने की कोशिशें की गयीं लेकिन यह नाकाम हो गयीं. सातारा लोकसभा सीट के लिए संभावित उम्मीदवार के तौर पर उनका नाम सामने आने की खबरों पर चह्वाण ने कहा, ‘‘यह निर्वाचन क्षेत्र राकांपा (शरदचंद्र पवार) के पास है और उसके अध्यक्ष शरद पवार ने विभिन्न समीकरणों पर विचार करने के बाद शशिकांत शिंदे को नामित किया है.”
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