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बच्चे को 'सुपरह्यूमन' बनाने के लिए सिर्फ़ 'धूप खिला' रहा था इन्फ़्लुएन्सर, नवजात की मौत

कोर्ट में आखिरी सुनवाई में इंफ्लूएंसर ने नवजात को मारने की बात को कबूल कर लिया.

एक रूसी इंफ्लूएंसर मैक्सिम ल्युती को अपने एक महीने के बेटे की मौत के आरोप में 8 साल की सज़ा सुनाई गई है. कथित तौर पर ल्युती का मानना था कि उसके बच्चे को धूप की किरणों से सुपरह्यूमन क्षमताएं मिलेगी. हालांकि, दुर्भाग्य से शिशु की मालन्यूट्रिशन और न्यूमोनिया के कारण उस वक्त मौत हो गई जब उसे सोची में अस्तपाल ले जाया जा रहा था. ल्युती ने जनवरी में एक सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर जल्द रिलीज की उम्मीद की थी लेकिन अब उसे 8 साल की जेल की सजा दी गई है. 

मेट्रो की रिपोर्ट के मुताबिक कोसमोस का जन्म घर पर ही हुआ था क्योंकि ल्युती ने बच्चे की मां ओक्साना मिरोनोवा को मेटर्निटी अस्पताल जाने से मना कर दिया था. इसके बाद, ल्युती ने शिशु के लिए एक सख्त शाकाहारी आहार शुरू किया, जिसमें जामुन जैसे खाद्य पदार्थों पर जोर दिया गया जो शरीर की आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं. 

मिरोनोवा की चचेरी बहन ओलेसा निकोलायेवा ने इस बारे में बात करते हुए कहा, “उसने उसकी मां को शिशु को दूध पिलाने से रोका. उसके बॉयफ्रेंड का मानना था कि सूरज की रोशनी शिशु को पोषित कर रही हैं. मिरोनोवा, चोरी छिपे शिशु को दूध पिलाने की कोशिश करती थी लेकिन उसे ल्युती से काफी डर लगता था. लेकिन शिशु को सूरज की रोशनी से फीड करना कैसे मुमकिन है? बच्चे को उसकी मां का दूध चाहिए होता है.”

मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट के मुताबिक, इंफ्लूएंसर अपने बच्चे पर “एक्सपेरिमेंट कर रहा था और उसे केवल सूरज की रोशनी दे रहा था ताकि वो दूसरों को भी बता सके कि वो भी ऐसा कर सकते हैं.” रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि ल्युती ने पारंपरिक चिकित्सा देखभाल को भी अस्वीकार कर दिया और कोसमोस को ठंडे पानी से नहलाया, यह मानते हुए कि इससे बच्चा मजबूत होगा. दिलचस्प बात यह है कि अपने कारावास के दौरान, अब 48 वर्षीय ल्युती ने अपनी पिछली मान्यताओं को पूरी तरह से त्याग दिया है, यहां तक कि उसने मांस का सेवन भी किया है. मिरोनोवा की मां गैलिना ने अफसोस जताते हुए कहा कि उसमें यह बदलाव पहले क्यों नहीं हुआ. 

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मिरोनोवा की मां ने कहा, “मैं अपनी बेटी के इस शख्स के साथ रहने के खिलाफ थी. मुझे सब समझ आ रहा था और मैंने अपनी बेटी को बोला था कि मैक्सिम पागल है लेकिन उसने मेरी बात नहीं सुनी. मिरोनोवा, वहां एक गिनी पिग की तरह रहती थी और मेरे साथ उसकी दूरी बढ़ रही थी…” मिरोनोवा के एक अन्य रिश्तेदार ने कहा, “उसने कई बार ल्युती को छोड़ने की कोशिश की लेकिन उसने उसे ऐसा करने नहीं दिया. वह अपने बेटे को ऐसा इंसान बनाना चाहता था जो केवल सूरज की रोशनी से जिंदा रहता है.”

जब तक ल्युती अपने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने के लिए तैयार हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी. कोसमोस इतना कमजोर था कि पिछले साल 8 मार्च को उसकी मौत हो गई. मेडिक्स ने 3.5 पाउंड के शिशु को मृत घोषित कर दिया था और इसके बाद ल्युती और मिरोनोवा को गिरफ्तार कर लिया गया था. इंफ्लूएंसर ने अंततः अपने बेटे की हत्या करने की बात कबूल कर ली जब वह इस हफ्ते अपनी सजा से पहले अंतिम अदालत की सुनवाई में उपस्थित हुआ. अभियोजक साढ़े आठ साल की जेल और लगभग 900 पाउंड जुर्माने की मांग कर रहे हैं. 

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