ईरानी जासूस ने इजराइल को दी थी हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह के बेरूत में होने की जानकारी: रिपोर्ट
नई दिल्ली:
इजरायल के हमले में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह का प्रमुख हसन नसरल्लाह शुक्रवार को मारा गया. इजरायल ने अपने हमले के दौरान हिजबुल्लाह के मुख्यालय समेत आस-पास की इमारतों को भी निशाना बनाया था. हिजबुल्लाह प्रमुख के मारे जाने के बाद अब उसकी मौत को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं. नसरल्लाह की मौत को लेकर फ्रांस के एक अखबार ने दावा किया है कि हिजबुल्लाह प्रमुख फिलहाल लेबनान के बेरूत आया हुआ है, इजरायल को इसकी जानकारी ईरान के ही एक जासूस ने दी थी. फ्रांस के चर्चित समाचार पत्र ले पेरिसियन के अनुसार लेबनान के एक सुरक्षा एजेंसी से जुड़े अधिकारी ने उनसे ये जानकारी साझा की है.
इस अखबार ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा है कि नसरल्लाह बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में ठीक उसी वाहन से पहुंचा था, जिस वाहन से लेबनान में ईरान के कुद्स बल के उप कमांडर अब्बास निलफोरुशान पहुंचे थे.इसके अलावा, नसरल्लाह और निलफोरुशान की बैठक में कथित तौर पर हिजबुल्लाह के 12 उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल थे.
ईरान को दिया सख्त संदेश
आपको बता दें कि इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान के लिए भी चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा कि इजरायल की पहुंच ईरान सहित पूरे क्षेत्र में है. ऐसे में नसरल्लाह की मौत तेहरान और उसके समर्थकों के लिए एक संदेश के रूप में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ईरान या मध्य पूर्व में इजरायल की लंबी भुजा की पहुंच से परे कोई जगह नहीं है, और आज आप जानते हैं कि यह कितना सच है. मैं अयातुल्ला के शासन से कहता हूं कि जो कोई भी हमें हराना चाहेगा, हम उसे पहले ही हरा देंगे.
नेतन्याहू खुद मॉनिटर कर रहे थे पूरा ऑपरेशन
पीएम नेतन्याहू ने नसरल्लाह की मौत को इजरायल की सैन्य रणनीति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और इजरायल की उत्तरी सीमाओं पर सुरक्षा बहाल करने की दिशा में एक कदम बताया.नसरल्लाह को ढेर करने के बाद अपने देश को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि नसरल्लाह इजरायलियों और विदेशी नागरिकों पर कई हमलों की साजिश रचने के लिए जिम्मेदार था, जिसमें 1980 के दशक में हाई-प्रोफाइल बम विस्फोट भी शामिल थे.
अमेरिका ने भी दी प्रतिक्रिया
नसरल्लाह को पिछले 42 वर्षों में इजरायल और पश्चिमी टारगेट्स के खिलाफ हिजबुल्लाह के आतंकी हमलों के पीछे का मास्टरमाइंड माना जाता है. नसरल्लाह, 1982 में लेबनान पर इजरायली आक्रमण के बाद, हिजबुल्लाह की स्थापना के समय से ही इसके साथ जुड़ा हुआ था.1992 में उसने संगठन के नेता के रूप में कार्यभार संभाला था.नसरल्लाह का हिजबुल्लाह पर पूरा नियंत्रण था. वह संगठन का महासचिव होने के साथ ही शूरा परिषद का प्रमुख था. शूरा परिषद हिजबुल्लाह के धार्मिक, सैन्य, रणनीतिक मामलों के लिए फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था है.अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हिजबुल्लाह नेता सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या को पीड़ितों के लिए न्याय बताया है. बता दें कि अमेरिका सरकार इजरायल की शीर्ष हथियार आपूर्तिकर्ता है.