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दुनिया

क्या किम जोंग का खौफ! यूक्रेन में पकड़ा गया नॉर्थ कोरिया का सैनिक क्यों नहीं जाना चाहता घर


नई दिल्ली/कीव:

रूस के साथ जंग लड़ रहे यूक्रेन ने हाल ही में रूस के कुर्स्क इलाके से 2 नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को जिंदा पकड़ा था. इस जंग में नॉर्थ कोरिया रूस की तरफ से लड़ रहा है. ये पहली बार है जब यूक्रेन ने नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को जिंदा पकड़ा है. इस बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वह पकड़े गए नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को रिहा करने के लिए तैयार हैं. इसके बदले में उन्होंने रूस में बंदी बनाए गए यूक्रेनी सैनिकों की अदला-बदली की मांग की है. हालांकि, नॉर्थ कोरियाई सैनिक कीव छोड़कर वापस अपने देश नहीं लौटना चाहते. उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति से वहीं रहने की परमिशन देने की अपील की है. माना जा रहा है कि नॉर्थ कोरियाई सैनिक तानाशाह किम जोंग उन के खौफ से अपने देश नहीं लौटना चाहते. क्योंकि, नॉर्थ कोरियाई तानाशाह किम जोंग ने अपने सैनिकों को यूक्रेन से जंग लड़ने समय फरमान दिया है कि चाहे वो जंग में मर जाएं, लेकिन वो पकड़े नहीं जाने चाहिए. ऐसे में पकड़े गए सैनिकों को डर है कि अगर वो अपने देश लौटे, तो किम जोंग उनके साथ जो सलूक करेंगे, वो शायद मौत से भी बदतर होगा.

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन का अनुमान है कि कुर्स्क में लड़ाई के दौरान नॉर्थ कोरिया के 3000 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं. एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, अक्टूबर से लेकर अब तक इस इलाके में सैकड़ों नॉर्थ कोरियाई सैनिक मारे गए हैं. वहीं, दक्षिण कोरिया के सांसद ली सियोंग ने सोमवार को खुफिया एजेंसी की जानकारी के आधार पर बताया कि अब तक रूस में 300 नॉर्थ कोरियाई सैनिकों की मौत हो चुकी है. 2700 सैनिक घायल हुए हैं.

जेलेंस्की ने नॉर्थ कोरियाई सैनिकों के बारे में क्या बताया? 
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में पकड़े गए नॉर्थ कोरियाई सैनिकों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा- ‘यूक्रेन किंग जोंग (नॉर्थ कोरिया के तानाशाह) के सैनिकों को उन्हें सौंपने के लिए तैयार है. अगर वह हमारे सैनिकों की अदला-बदली की व्यवस्था कर सकें.’ यूक्रेन ने शनिवार को 2 नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को पकड़ने की जानकारी दी थी. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि इन दोनों नॉर्थ कोरियाई सैनिकों का इलाज किया जा रहा है. 

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रूस के कुर्स्क क्षेत्र में पकड़े गए किम जोंग उन के दो सैनिकों से पूछताछ की जा रही है. अभी तक ये जानकारी नहीं मिली है कि वो कितने दिन तक फ्रंटलाइन में रहकर जंग लड़ रहे थे. उनके दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. इनमें से एक सैनिक के पास कोई कागजात नहीं मिला, जबकि दूसरे के पास किसी अन्य व्यक्ति के नाम से रूस की आर्मी का आईकार्ड मिला है.

नॉर्थ कोरियाई सैनिक ने कहा- यूक्रेन रहने के लिए अच्छा देश
पकड़े गए नॉर्थ कोरियाई सैनिकों से जब पूछा गया कि क्या वह जंग में अपने 300 साथियों के मारे जाने के बाद घर वापस जाना चाहते हैं? इस पर एक सैनिक ने सिर हिलाकर ‘हां’ में जवाब देता है. लेकिन, दूसरे सैनिक ने कहा कि वह यूक्रेन में ही रहना चाहता है. इसलिए उसे वापस नहीं भेजा जाए. इसकी वजह बताते हुए बेड पर लेटे घायल नॉर्थ कोरियाई सैनिक ने कहा, “यूक्रेन रहने के लिए अच्छा देश है. यहां के लोग अच्छे हैं. मैं यहीं रहना चाहता हूं.” लेकिन बाद में आगे कहता है कि वह वही करेगा, जैसा उसे आदेश मिलेगा. 

‘पता नहीं था लड़ रहे हैं जंग’
The Sun की रिपोर्ट के मुताबिक, जेलेंस्की की ओर से जारी वीडियो में लेटा हुए एक नॉर्थ कोरियाई सैनिक दावा करता है कि उसे नहीं पता था कि वह यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने वाला है. उसका कहना है कि उसके कमांडरों ने इसे एक मिलिट्री एक्सरसाइज बताया था. फिर उन्हें फ्रंटलाइन पर भेज दिया गया.

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नॉर्थ कोरिया ने भेजे थे 11 हजार सैनिक
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के कुर्स्क क्षेत्र में करीब 11,000 नॉर्थ कोरियाई सैनिक हैं. 18 अक्टूबर को साउथ कोरिया ने भी दावा किया था कि नॉर्थ कोरिया ने यूक्रेन जंग में रूस की मदद के लिए सैनिक भेजे हैं. साउथ कोरिया की खुफिया एजेंसी नेशनल इंटेलिजेंस सर्विसर (NIS) ने इसकी जानकारी दी थी. ये सभी सैनिक नॉर्थ कोरिया की स्पेशल मिशन फोर्सेस का हिस्सा हैं. NIS के मुताबिक नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को रूसी सेना की वर्दी, हथियार और नकली पहचान पत्र दिए गए हैं.

घायल सैनिकों के साथ क्या करता है नॉर्थ कोरिया?
रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया की सेना का अगर कोई जवान घायल हो जाता है, तो उसका बेरहमी से कत्ल कर दिया जाता है. जिससे रूस के साथ जंग लड़ने का कोई सबूत न मिल सके.

यूक्रेन का दावा- अब तक 3 हजार नॉर्थ कोरियाई सैनिकों की मौत
यूक्रेन का अनुमान है कि इनमें से 3000 से ज्यादा उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए या घायल हुए हैं. जेलेंस्की ने उत्तर कोरियाई सैनिकों के पकड़े जाने का इस्तेमाल रूस पर निशाना साधने के लिए किया. जेलेंस्की ने अपने पोस्ट में कहा, “इस बात में दुनिया को अब कोई शक नहीं होना चाहिए कि रूस अब नॉर्थ कोरिया की मदद पर निर्भर है.”

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रूस की मदद क्यों करता है नॉर्थ कोरिया?
इसका जवाब नॉर्थ कोरिया के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है. दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1950 से 53 तक चले कोरियाई युद्ध का दुनिया में व्यापक असर हुआ. कोरिया दो भागों में बंटा था. नॉर्थ कोरिया को रूस से समर्थन हासिल था. साउथ कोरिया के साथ अमेरिका खड़ा था. 1949 में हालात कुछ ऐसे हुए कि सोवियत संघ और अमेरिका ने कोरिया से सैनिक वापस बुला लिए. इसके बाद नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया पर अटैक कर दिया. लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से साउथ कोरिया ने नॉर्थ कोरिया पर जवाबी कार्रवाई की. तब से कोरियाई युद्ध आधिकारिक रूप से खत्म नहीं हुआ है. नॉर्थ और साउथ कोरिया के बीच 248 किलोमीटर लंबी सीमा पर झड़प होती रहती है. रूस अपने फायदे के लिए नॉर्थ कोरिया का इस्तेमाल करता रहा है.

 


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