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झुंझुनू हादसा : खदान में 1800 फीट नीचे जा गिरी लिफ्ट…, एक अधिकारी की मौत, 13 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

नई दिल्ली:

राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेतड़ी के कोलियान खदान में लिफ्ट का रस्सा टूट जाने के कारण 14 लोग फंस गए थे. इनमें से एक अफसर की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक अन्य 13 अधिकारियों को लिफ्ट से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. इस हादसे में मुख्य सतकर्ता अधिकारी उपेंद्र पांडे की मौत हो गई है. 

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फंसे हुए लोगों की सकुशलता की कामना करते हुए राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा, “मैं, खदान में फंसे लोगों के सकुशल बाहर आने और रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द पूरा होने की कामना करती हूं.” झुंझुनूं के खेतड़ी में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान खदान में हुए हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है.

फंसे हुए 14 में से 13 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है. सभी फंसे हुए लोगों को एक एक कर के बाहर निकाला गया. हालांकि, हादसे में एक अफसर की मौत हो गई. इस दौरान बाहर निकाले गए लोगों का मौके पर ही मौजूद डॉक्टरों द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया. बता दें कि घटना की जानकारी मिलने के बाद रेस्क्यू टीम द्वारा फंसे हुए लोगों तक खाना और दवाइयां भी पहुंचाई गई थीं. 

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मशीन के पुराने होने की वजह से हुआ हादसा!

बताया जा रहा है कि 1800 फीट की गहराई में जाते हुए लिफ्ट की रस्सी टूट गई थी और इस वजह से उसमें मौजूद 14 लोग फंस गए थे. जानकारी के मुताबिक हादसा मशीन के पुराने हो जाने के कारण हुआ था. कोलकाता से विजिलेंस की टीम थी लिफ्ट में मौजूद थी. टीम जांच करने के लिए पहुंची थी. गौरतलब है कि हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड का मुख्य कार्यालय कोलकाता में है. 

क्या है केसीसी

झुंझुनूं जिले के खेतड़ी और आसपास के हिस्से में तांबे के बड़ा भंडार हैं. देश का 50 प्रतिशत तांबा इन्हीं पहाड़ों की खदान से निकाला जाता है. खनन का काम भारत सरकार के उपक्रम हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के अधीन है. खेतड़ी की इस माइंस को खेतड़ी कॉपर कॉर्पोरेशन यानी केसीसी कहा जाता है. यहां पहाड़ के नीचे खेतड़ी और कोलिहान क्षेत्र के 324 किमी के दायरे में 300 के आसपास भूमिगत खदानें हैं. यहां 102 मीटर की गहराई पर तांबा निकाला जाता है. ऐसे में यह देश की पहली सबसे बड़ी और सबसे गहरी तांबे की माइंस हैं. यहां से निकाले गए तांबे की गुणवत्ता के कारण यह लंदन मेटल एक्सचेंज की ए ग्रेड में शामिल है और इसी कारण देश में सुरक्षा उपकरण इसी तांबे से बनाए जाते हैं.

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