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पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात, हुई क्या बात, 10 पॉइंट्स में जानें
भारत-चीन (India China Relations) के बीच मामला सिर्फ कारोबार ही नहीं, बल्कि राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का भी है, जिसमें दोनों देश कभी आमने-सामने दिखते होते हैं तो कभी एक-दूसरे से दूर चले जाते हैं.
- 1 घंटे तक मुलाकात: रूस के कजान में बुधवार को ब्रिक्स समिट (BRICS Summit 2024) से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने द्विपक्षीय बातचीत की. दोनों देशों के प्रमुखों ने 5 साल बाद एक दूसरे से इस तरह मुलाकात की. उनके बीच आखिरी द्विपक्षीय मुलाकात 2019 में हुई थी. कजान में दोनों नेताओं की मुलाकात 1 घंटे तक चली.
- कारोबार पटरी पर लौटने की उम्मीद:पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद ये सवाल उठ रहा है कि क्या अब भारत-चीन का कारोबार पटरी पर लौटेगा. दरअसल, कुछ साल पहले तक भारत की होली में पिचकारियों से लेकर दिवाली में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां,लाइटें तक चीन से आती थीं. लेकिन गलवान में हुई झड़प के बाद कारोबार बंद तो नहीं हुआ लेकिन कुछ हद तक असर जरूर देखा गया. अब एक बार फिर से इसके पटरी पर लौटने की उम्मीद जताई जा रही है.
- आपसी भरोसे पर जोर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत-चीन संबंधों को क्षेत्रीय व वैश्विक शांति तथा स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे.पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर सुरक्षा, शांति, आपसी भरोसा और सम्मान जरूरी है.
- भारत-चीन मिलकर करें काम: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत को एक-दूसरे के प्रति ठोस रणनीतिक धारणा बनाए रखनी चाहिए. दोनों पड़ोसी देशों को सद्भावनापूर्वक रहने और साथ विकास के लिए सही और उज्ज्वल मार्ग खोजने को लेकर मिलकर काम करना चाहिए.
- बॉर्डर इलाकों में शांति पर सहमति: दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन सीमा को लेकर विशेष प्रतिनिधि बॉर्डर इलाकों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन की देखरेख करेंगे. साथ ही इस मुद्दे पर सही, निष्पक्ष और आपसी रूप से स्वीकार करने वाला समाधान तलाशने के लिए जल्द ही बैठक करेंगे.
- साझा लक्ष्य अब विकास: शी जिनपिंग ने कहा कि चीन-भारत के रिश्ते मूलतः इस बात को लेकर हैं कि 1.4 अरब की आबादी वाले दो बड़े विकासशील और पड़ोसी देश एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं. उन्होंने कहा कि चीन और भारत का सबसे बड़ा साझा लक्ष्य अब विकास है.
- प्रतिस्पर्धी नहीं सहयोगी: चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को अपनी अहम सहमतियों को कायम रखना चाहिए, ये भी ध्यान रखना चाहिए कि चीन और भारत एक दूसरे के लिए खतरा नहीं बल्कि विकास के अवसर हैं, दोनों देश प्रतिस्पर्धी नहीं सहयोगी हैं. दोनों को ही विकास करने के लिए सही और उज्ज्वल रास्ता खोजने के मकसद से मिलकर काम करना चाहिए.
- संवाद और सहयोग पर जोर: शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच पैदा हुए मतभेदों को सही करने के लिए ज्यादा सहयोग और बातचीत की जरूरत है.
- असहमतियों का असर संबंधों पर नहीं: चीनी समाचार एजेंसी का दावा है कि दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई है कि विशिष्ट असहमतियों से आपसी संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा.दोनों नेता इस बात को मानते हैं कि उनकी मुलाकात रचनात्मक रही, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है.
- LAC पर शांति बहाली की उम्मीद: पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच वार्ता ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अपनी सेनाओं की पेट्रोलिंग समझौते पर सहमति जताई थी. इसे 4 साल से जारी गतिरोध खत्म करने की दिशा में बड़ी सफलता माना जा रहा है.