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कानून ने केजरीवाल पर शिंकजा कसा है, आप का विरोध 'भ्रष्टाचार के जश्न' के अलावा कुछ नहीं: BJP

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (आप)के नेताओं और समर्थकों के विरोध प्रदर्शन की निंदा की और कहा कि यह नाटक ‘‘भ्रष्टाचार का जश्न” मनाने के समान है. उन्होंने कहा कि न तो जनता और न ही अदालतें इसे स्वीकार करेंगी.

पात्रा ने कहा, ‘‘ मान्यवर केजरीवाल, आप भ्रष्ट हैं. दिल्ली के लोग और भारत के लोग जानते हैं कि आप भ्रष्ट हैं.’ उन्होंने कहा कि केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने कई समन जारी किए थे और उनकी गिरफ्तारी लंबी प्रक्रिया के बाद हुई है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ भाजपा के आरोपों को दोहराते हुए, पात्रा ने पूछा कि केजरीवाल सरकार ने अपने मंत्रिमंडल की मंजूरी के बिना आबकारी नीति को मंजूरी क्यों दी और फिर रातोंरात इसे क्यों खत्म कर दिया.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘गिरोहबंदी की अनुमति दी गई, शराब निर्माताओं को थोक बिक्री की अनुमति दी गई और काली सूची वाली कंपनियों को राजकोष की कीमत पर कारोबार करने की अनुमति दी गई.” पात्रा ने कहा, उन्होंने जो बोया, वही काट रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वाभाविक है कि यदि आप देश के कानून से बच निकले हैं, तो अंततः कानून आपको पकड़ ही लेगा.” पात्रा ने कहा कि उनके समर्थकों के तमाम नाटक और विरोध प्रदर्शन के बावजूद, इस मामले में गिरफ्तार किए गए मनीष सिसोदिया और संजय सिंह सहित आम आदमी पार्टी के कई अन्य नेताओं को अदालतों से कोई राहत नहीं मिली है.

इस बीच भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने केजरीवाल से गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की है. सचदेव ने संवाददाताओं से कहा, ‘आज दिल्ली का हर नागरिक संतुष्ट है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे मुख्यमंत्री को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया.’

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उन्होंने कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भ्रष्टाचार की हार है. केजरीवाल को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.” सचदेव ने आरोप लगाया, ‘‘केजरीवाल ने जहां पंजाब में नशे के खिलाफ नाटक किया, वहीं दिल्ली की हर गली में शराब की दुकानें और बार खोलकर युवाओं को नशे की खाई में धकेल दिया.”

उन्होंने कहा कि आप नेताओं का यह बयान कि केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे, ‘‘संवैधानिक मानदंडों का अपमान है”. सचदेवा ने कहा, ‘( झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री) हेमंत सोरेन ने भी यही बात कही थी, लेकिन (एक अलग मामले में) गिरफ्तार होने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और दिल्ली में भी ऐसा ही होगा.’

उन्होंने आप से पूछा, ‘‘वे किस विचारधारा की बात कर रहे हैं. क्या भ्रष्टाचार करना एक विचारधारा है. घटिया दवाएं देना, शराब घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार, क्या ये आपकी विचारधारा हैं.”

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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