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अमेरिका की तरह ब्रिटेन कर रहा अवैध प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई, भारतीय रेस्टोरेंट को बनाया निशाना


लंदन:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन पर सख़्त कार्रवाई के बाद यूके की लेबर सरकार ने देश में अवैध रूप से काम करने वालों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू कर दी है. इसे “यूके-व्यापी हमला” बताया जा रहा है, यह कार्रवाई भारतीय रेस्टोरेंट, नेल बार, सुविधा स्टोर और कार वॉश तक फैल गई है, जहां प्रवासी कर्मचारी काम करते हैं. ब्रिटिश गृह सचिव यवेट कपूर की व्यक्तिगत निगरानी में गृह कूपर की निगनारी में गृह कार्यालय ने जनवरी में रिकॉर्ड कार्रवाई की सूचना दी. इसमें 828 परिसरों पर छापेमारी की गई, जो पिछेल साल जनवरी की तुलना में 48 प्रतिशत अधिक है. वहीं गिरफ्तारियां बढ़कर 609 हो गई हैं. 

कूपर के कार्यालय ने कहा कि उनकी टीमें सभी क्षेत्रों में अवैध रूप से काम करने वालों की खूफिया जानकारी पर कार्रवाई करती है लेकिन पिछले महीनें की कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रेस्टोरेंट, टेकअवे और कैफे के साथ-साथ खाद्य, पेय और तंबाकू उद्योग रहें. उन्होंने कहा कि उत्तरी इंग्लैंड के हंबरसाइड में एक भारतीय रेस्टोरेंट में जाने पर ही सात गिरफ्तारियां हुईं और चार लोगों को हिरासत में लिया गया. 

कूपर ने कहा कि “आव्रजन नियमों का सम्मान किया जाना चाहिए और उन्हें लागू किया जाना चाहिए. बहुत लंबे समय से नियोक्ता अवैध प्रवासियों को काम पर रखने और उनका शोषण करने में सक्षम रहे हैं और बहुत से लोग अवैध रूप से आकर काम करने में सक्षम रहे हैं, जिनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई.” उन्होंने कहा, “इससे न केवल लोगों के लिए एक छोटी नाव में चैनल पार करके अपनी जान जोखिम में डालने का खतरा पैदा होता है, बल्कि साथ ही कमजोर लोगों, आव्रजन प्रणाली और हमारी अर्थव्यवस्था का दुरुपयोग भी होता है.”

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चुनावों में रिफॉर्म यूके की बढ़त के साथ प्रधानमंत्री कीर स्टारमर पर यह साबित करने का दबाव है कि उनकी सरकार अवैध अप्रावस के मामलों पर सख्त कार्रवाई कर रही है. यह दुनिया भर के देशों में “आव्रजन अपराधियों” को भेजने के लिए विशेष चार्टर उड़ानों का उपयोग कर रहा है, जिसमें यूके के इतिहास में 800 से अधिक लोगों को ले जाने वाली चार सबसे बड़ी प्रवासी वापसी उड़ानें शामिल हैं.



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