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शराब नीति केस: अब CBI की गिरफ्त में अरविंद केजरीवाल, ट्रायल कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड पर भेजा


नई दिल्ली:

शराब नीति केस में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की मुश्किलें हर दिन बढ़ती जा रही हैं. बुधवार सुबह CBI ने भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर उन्हें गिरफ्तार किया. CBI ने उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश कर 5 दिन की कस्टडी मांगी. हालांकि, अदालत ने केजरीवाल (Arvind Kejriwal CBI Remand) को 3 दिन की CBI रिमांड पर भेज दिया है.

CBI ने 25 जून को रात 9 बजे तिहाड़ जाकर शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर केजरीवाल से पूछताछ की थी. शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ED ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. वे पिछले 87 दिनों से तिहाड़ में बंद हैं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें 10 मई से 2 जून (21 दिन) तक जमानत मिली थी. लोकसभा चुनाव खत्म होने के एक दिन बाद 2 जून को उन्हें तिहाड़ में सरेंडर करना पड़ा था.

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CBI की तरफ से दी गई ये दलीलें
CBI की तरफ से वकील डीपी सिंह ने कोर्ट में कहा, “हमें केजरीवाल की 5 दिन की कस्टडी चाहिए. केस से जुड़े आरोपी विजय नायर केजरीवाल के सहयोगी थे, लेकिन अब केजरीवाल कह रहे कि हैं कि वे नहीं जानते कि विजय उनके अंडर काम करता था. केजरीवाल कह रहे है कि विजय आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अंडर में काम करता था. उन्होंने सारा मामला सिसोदिया पर डाल दिया है. इस पर केजरीवाल से पूछताछ करनी ही होगी.”

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केजरीवाल ने भी रखी अपनी बात
राउज एवेन्‍यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल ने करीब 1 मिनट तक अपना पक्ष रखा. इस दौरान उन्‍होंने अपने खुद को निर्दोष बताया. अरविंद केजरीवाल ने कहा, “CBI की तरफ से मीडिया में प्लांट किया जा रहा है कि मैंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया है. मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. मैंने कहा है- मैं भी निर्दोष हूं… मनीष सिसोदिया भी निर्दोष हैं. अभी तो इन्होंने अरेस्ट किया है अगले तीन-चार दिन तक यह इसी तरह की चीज प्लांट करेंगे. इस चीज को भी ऑन रिकॉर्ड लिया जाए कि कैसे मीडिया में प्लांट किया जा रहा है और बदनाम किया जा रहा है. मैं यही भी कहना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी भी निर्दोष है.” 

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CBI को दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री की ज़रूरत क्यों?
केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को 20 जून 2024 को निचली अदालत ने जमानत दी, अब CBI को दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री की ज़रूरत क्यों है? वह इंतज़ार क्यों कर रहे थे? CBI कह रही है कि उनके पास सामग्री थी, फिर पहले उन्होंने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी क्यों नहीं किया?

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ली याचिका
शराब नीति केस से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जमानत याचिका वापस ले ली. अब वो नई याचिका लगाएंगे. दरअसल, शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 20 जून को जमानत दे दी थी. ED ने 21 जून को दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर दी. कोर्ट ने उसी दिन ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. 25 जून को हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट का फैसला पलट दिया. अब CBI ने उन्हें अरेस्ट कर दिया. लिहाजा केजरीवाल अब नए केस में नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाएंगे.

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अरविंद केजरीवाल को जमानत देते समय निचली अदालत ने नहीं किया अपने दिमाग का इस्तेमाल : दिल्‍ली हाई कोर्ट

केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को CBI ने गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 25 जून को लोअर कोर्ट के जमानत देने के आदेश को पलट दिया है अब हम हाईकोर्ट के 25 जून के ऑर्डर के खिलाफ नई याचिका लगाएंगे. इसलिए मौजूदा याचिका को अब वापस लाना चाहते हैं. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ED के वकील SV राजू की सहमति के बाद याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी है.

केजरीवाल पर क्या है आरोप?
CBI और ED ने दिल्ली शराब नीति मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर अगस्त 2022 में केस दर्ज किए थे. ED और CBI का आरोप है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली शराब नीति में हेरफेर करने के लिए साउथ ग्रुप के मेंबर्स से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली. रिश्वत का एक बड़ा हिस्सा 2022 में गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान इस्तेमाल किया गया था. ED और CBI का आरोप है कि AAP ने केजरीवाल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया. रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ ग्रुप का प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुचीबाबू ने किया था. इन तीनों को इस केस में गिरफ्तार किया जा चुका है.

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