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Lok Sabha Elections 2024 : बारामती में भाभी और ननद आमने-सामने ,कौन किसपर पड़ेगा भारी

पुणे का बारामती क्षेत्र पिछले कुछ सालों में कृषि, उद्योग और वाणिज्य में काफी विकसित हुआ है. दशकों से यह पवार परिवार का गढ़ रहा है और इस क्षेत्र ने परिवार की राजनीतिक कहानी हो भी आकार दिया है. इतना ही नहीं बारामती के परिवर्तन में भी पवार परिवार की अहम भूमिका रही है. बता दें कि शरद पवार इस सीट से पहली बार 1960 में चुनाव जीते थे. 

परिवार में फूट

बता दें कि शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के नेतृत्व में एनसीपी दो गुटों में बंट गई है और इस वजह से बारामती में परिवार के बीच यह चुनावी मुकाबला होने वाला है. एनसीपी के संस्थापक गुट ने 54 वर्षीय सुप्रिया सुले को यहां से नामांकित किया है, जब्कि अजीत पवार के गुट ने सुले की भाभी 60 वर्षीय सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारा है. 

पिछले साल 2 जुलाई को, अजित पवार ने आठ एनसीपी विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे प्रशासन के साथ गठबंधन किया था, जिससे एनसीपी पार्टी के भीतर दरार पैदा हो गई थी. समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से एक स्थानीय नेता मदन देवकते ने कहा, “मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए दो पवारों के बीच चयन करना बहुत कठिन विकल्प होगा. यह एक ऐसा मुकाबला है जिसकी उन्होंने पिछले साल 2 जुलाई से पहले कभी कल्पना भी नहीं की होगी.” 

1960 के दशक से, बारामती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, जिसमें बारामती, इंदापुर, दौंड, पुरंदर, भोर और खडकवासला विधानसभा सीटें शामिल हैं, ने शरद पवार के गढ़ के रूप में काम किया है. अजीत पवार ने 1991 से विधायक के रूप में बारामती का प्रतिनिधित्व किया है और 2019 में 83 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करके उन्होंने यहां से जीत भी हासिल की थी.

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सुप्रिया बनाम सुनेत्रा

बारामती लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं: बारामती शहर, इंदापुर, दौंड, पुरंदर, भोर और खड़कवासला. इन क्षेत्रों में, भोर और पुरंदर पर कांग्रेस का प्रभाव है, जबकि बारामती और इंदापुर ने ऐतिहासिक रूप से (विभाजन से पहले) एनसीपी का पक्ष लिया है. दौंड और खड़कवासला में बीजेपी का प्रभाव है. 2019 के चुनावों में, सुप्रिया सुले ने एनसीपी के बैनर तले बारामती निर्वाचन क्षेत्र में अपनी लगातार तीसरी जीत हासिल की थी. 

एनसीपी (एसपी) – शरद पवार गुट, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का सदस्य, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के साथ, 48 लोकसभा सीटों वाले राज्य महाराष्ट्र में 10 सीटों के लिए चुनाव लड़ेगा. बारामती में तीसरे चरण में यानी कि 7 मई को मतदान होना है. सुप्रिया सुले इस साल लोकसभा चुनाव में पहली बार खड़ी हो रही हैं जहां एनसीपी का सपोर्ट बेस उनके पिता और कजिन के बीच में बंटा होगा. सुले को लोकसभा प्रतिनिधि के रूप में पवार कबीले के समर्थकों पर भरोसा है. वहीं दूसरी ओर अजित पवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना कैडरों के साथ-साथ भाजपा से भी अतिरिक्त समर्थन प्राप्त कर सकते हैं.

2019 के लोकसभा चुनावों में, बीजेपी उम्मीदवार और दौंड विधायक राहुल कुल की पत्नी कंचन कुल को सुप्रिया सुले से 1.55 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था. 

सुनेत्रा पवार लोकसभा चुनाव लड़ने वाली अजित पवार के परिवार की दूसरी सदस्य हैं. 2019 में, अजीत के बेटे पार्थ ने पुणे जिले की मावल सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन वह शिवसेना के श्रीरंग बार्ने से हार गए थे. सुनेत्रा पवार मराठवाड़ा के एक राजनीतिक रूप से सक्रिय परिवार से हैं. वह पूर्व मंत्री पदमसिंह पाटिल की बहन हैं, जो शुरू में कांग्रेस से थे लेकिन बाद में 1999 में शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए थे. 

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